सभी दावे फेल: सरकारी अस्पताल का हाल बेहाल, मरीजों के इलाज को न डॉक्टर है और न ही स्टाफ!
बिजनौर जिले में मरीजों ने लगाया इलाज न मिलने का आरोप। जिला अस्पताल में डॉक्टर और स्टाफ नहीं होने के भी आरोप। तीमारदार खुद अपने मरीजों के इलाज में जुटे।
पत्रिका न्यूज नेटवर्कबिजनौर। कोरोना महामारी को लेकर सरकार व प्रशासन द्वारा लाख दावे किए जा रहे हैं। लेकिन जमीनी हकीकत में यह दावे फेल होते नजर आ रहे हैं। बिजनौर जनपद की बात करें तो यहां मरीजों को इलाज के लिए दर-दर की ठोकर खानी पड़ रही है। जनपद के पंडित दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल में कोविड मरीजों को ना तो ऑक्सीजन मिल रही है ना ही समय पर दवाई मिल। कोविड-19 मरीजों का इलाज कराने आए परिजनों का साफ तौर से आरोप है कि जिला अस्पताल में ना तो कोई डॉक्टर मौजूद है और ना ही कोई स्टाफ है। परिजन खुद ही अपने मरीजों को बचाने के लिए जद्दोजहद करते नजर आ रहे हैं।
दरअसल, बिजनौर जिला अस्पताल के एल 2 वार्ड में कोविड-19 का इलाज किया जा रहा है। लेकिन समय से ऑक्सीजन और अन्य सुविधाएं न मिलने के कारण मरीजों के परिजनों का हाल बेहाल है। बिजनौर के डीएम रमाकांत पांडे व सीएमओ विजय कुमार यादव इन तस्वीरों को लेकर कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं। परिजनों का आरोप है कि अस्पताल में ना तो कोई डॉक्टर है ना ही कोई सुविधा है। आरोप है कि बुधवार रात से एडमिट मरीजों को देखने के लिए कोई भी डॉक्टर अस्पताल में नहीं है। इसके बावजूद मरीज के परिजन खुद ही मरीजों को बचाने के लिए जद्दोजहद करते नजर आ रहे हैं।
मरीजों के परिजनों का साफ तौर से आरोप है कि किसी भी मरीज को कोई भी इलाज नहीं मिल रहा है। मरीज के परिजन अस्पताल परिसर में रोने और गिड़गिड़ाने को मजबूर हैं। लेकिन उसके बावजूद भी स्वास्थ्य महकमा उनकी कोई भी सुध नहीं ले रहा है। उधर जब इस बाबत अधिकारियों से बात करने की कोशिश की जाती है तो वह बचते नजर आ रहे हैं। साथ ही अधिकारी अपने फोन तक नहीं उठा रहे हैं।