पुलिस विभाग के आंकड़े बताते हैं कि हर साल क्रिकेट सट्टा, जुआ जैसे अपराध बढ़ रहे हैं। जिला पुलिस ने वर्ष 2015 में जुआ अधिनियम में 369, वर्ष 2016 में 409 और वर्ष 2017 में 609 कार्रवाई की। जबकि वर्ष 2018 में ६४७ कार्रवाई दर्ज कर चुकी है।
हर जिले में एक प्रमुख सटोरिया होता है जो महानगरों में बैठे बुकी के संपर्क में रहता है। संबंधित जिले का मुखिया बनने के लिए वह मुख्य बुकी को पहले रकम जमा करता है फिर वह अपने से संबंधित जिले में अलग-अलग एजेंट बनाता है। वह भी एजेंटों से एक तय रकम वसूल करता है। यह एजेंट पंटर (लड़के) को तैयार करते हैं जो फोन पर आमलोगों से दांव फिक्स करते हैं।
सट्टेबाज 20 ओवर को लंबी पारी, दस ओवर को सेशन और छह ओवर तक सट्टा लगाने को छोटी पारी खेलना कहते हैं। इनकी विशेष भाषा में एक लाख को एक पैसा, 50 हजार को अठन्नी, 25 हजार को चवन्नी कहा जाता है।
पुलिस की सटोरियों पर कोई खास कार्रवाई नहीं होती। इसका बड़े सटोरिए जमकर फायदा उठाते हैं। एंड्राएड मोबाइल के उपयोग के कारण सटोरिए क्रिकेट पर लाखों के दांव लगा रहे हैं। लेकिन पुलिस महज खानापूर्ति के तौर पर छोटे-मोटे बुकी को पकड़ कर इतिश्री कर लेती है। बीकानेर में वर्ष २०१६ में में नोखा के नामी क्रिकेट सटोरिए को पकड़ा गया लेकिन इसके बाद आजतक कोई बड़ा सटोरिया पुलिस के हाथ नहीं लगा है।
पुलिस के साइबर सेल के एक्सपर्ट माने-जाने वाले एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि बीकानेर संभाग पूरे में भी साइबर एक्सपर्ट कोई नहीं है। सटोरिए काफी हाईटेक हो गए हैं। टीवी से भी तेज हैं सटोरिए
टीवी और स्टोरिए के मैच खेलने में एक-एक गेंद का अंतर रहता है। खेल मैदान में शॉट खेला कि टीवी पर आ गया, ऐसा नहीं होता है। प्रसारण संबंधी तकनीकी कारणों से ग्राउंड और टीवी के शॉट में एक गेंद का अंतर होता है और यही एक गेंद सटोरियों के लिए मुनाफे का जरिया बनती है क्योंकि बुकी का एक आदमी सीधे ग्राउंड से हर गेंद की जानकारी तत्काल अपडेट करता है और यहां भाव बदल जाते हैं। ग्राउंड में बैठने वाले व्यक्ति को सटोरियों की भाषा में डिब्बा (ग्राउंड लाइन आवाज) कहा जाता है। सट्टे के भावों को महानगर में बैठे बड़े बुकी तय करते हैं।
मोबाइल एप के माध्यम से होने लगा सट्टा।
इंटरनेट कॉलिंग से नहीं आते पकड़े में।
अब भुगतान नकद नहीं ऑनलाइन।
दूसरे जिलों से अपने गृहनगर में कर रहे सट्टा।
साइबर सेल की कमजोरी का सटोरिए उठा रहे फायदा।
क्रिकेट सटोरियों के खिलाफ कार्रवाई होगी। पुलिस की टीमें लगी है। संबंधित थाना क्षेत्र में क्रिकेट बुकी चलने पर थानाधिकारी व बीट कांस्टेबल के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करेंगे।
प्रदीप मोहन शर्मा, पुलिस अधीक्षक।