आरोप लगाया कि पुख्ता व्यवस्थाओं और बीमार पशुओं के उपचार में चल रही कोताही के कारण रोज पशु मर रहे है। आयुक्त को बताया कि आए दिन पार्षद निगम गोशाला की व्यवस्थाओं में सुधार की मांग कर रहे है, लेकिन निगम प्रशासन उदासीनता बरत रहा है। निगम की ओर से गोशाला समिति के विरुद्ध कठोर कार्यवाही नहीं की जा रही है। पार्षदों के अनुसार जल्द ही गोशाला की अव्यवस्थाओं में सुधार नहीं किया जाता है और पशुओं की मौत का सिलसिला नहीं थमता है तो आन्दोलन को तेज किया जाएगा।
ज्ञापन में आयुक्त को बताया कि गोशाला में लगभग 4384 पशु थे। 454 पशुओं को पशुपालकों की ओर से छुडवा लिया गया। 260 पशु अन्य गोशालाओं में स्थानान्तरित किए गए। सोमवार को 1552 पशु गोशाला में है। पार्षदों ने शेष 2334 पशुओं की जानकारी निगम आयुक्त से मांगी है। इस दौरान मनोज जनागल, सुरेन्द्र डोटासरा, मनोज बिश्नोई, प्रफुल्ल हटीला, शहजाद भुट्टा, अब्दुल सत्तार, मनोज नायक, मुजिब खिलजी, पारस मारु, अब्दुल वाहिद, इमरान पंवार आदि पार्षद व प्रतिनिधि मौजूद रहे।