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बूथों पर नहीं दिखी भाजपा नेताओं की सक्रियता

लोकसभा चुनाव में बूथों पर भाजपा नेताओं की सक्रियता कमजोर रही। जिले की चारों विधानसभा क्षेत्रों में एकाध नेताओं को छोडकऱ अधिकांश भाजपा नेता मतदान करवाने में पीछे रहे। इसका फायदा कांग्रेस नेताओं ने उठाया। ऐसे में बूथों पर भाजपा नेताओं की अपेक्षा कांग्रेस नेताओं का मतदान प्रतिशत अधिक रहा। दूसरे चरण में 26 अप्रेल को टोंक-सवाईमाधोपुर लोकसभा क्षेत्र में कुल 56.44 फीसदी मतदान हुआ है, जबकि पिछली बार मतदान प्रतिशत 63.68 प्रतिशत रहा था। इस बार कम मतदान का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अधिकतर बूथों पर भाजपा नेताओं की सक्रियता कम ही नजर आई। वहीं कांग्रेस नेताओं ने इस बार एडी से चोटी का जोर लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ी।

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सवाईमाधोपुर. लोकसभा चुनाव में बूथों पर भाजपा नेताओं की सक्रियता कमजोर रही। जिले की चारों विधानसभा क्षेत्रों में एकाध नेताओं को छोडकऱ अधिकांश भाजपा नेता मतदान करवाने में पीछे रहे। इसका फायदा कांग्रेस नेताओं ने उठाया। ऐसे में बूथों पर भाजपा नेताओं की अपेक्षा कांग्रेस नेताओं का मतदान प्रतिशत अधिक रहा।
दूसरे चरण में 26 अप्रेल को टोंक-सवाईमाधोपुर लोकसभा क्षेत्र में कुल 56.44 फीसदी मतदान हुआ है, जबकि पिछली बार मतदान प्रतिशत 63.68 प्रतिशत रहा था। इस बार कम मतदान का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अधिकतर बूथों पर भाजपा नेताओं की सक्रियता कम ही नजर आई। वहीं कांग्रेस नेताओं ने इस बार एडी से चोटी का जोर लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ी।

कम वोटिंग से बीजेपी को नुकसान की आंशका
दूसरे चरण में टोंक-सवाईमाधोपुर क्षेत्र में पहले ही बीजेपा नेताओं ने सक्रिया नहीं दिखाई और अब महज ५६.४४ प्रतिशत ही मतदान होने से भाजपा के आलाधिकारियों को चिंता भी डाल दिया है। जानकारों के अनुसार कम वोटिंग होने से हमेशा बीजेपी को नुकसान होता है।