
विश्व के बड़े देशों की सेनाओं के अनुभव जुडऩे से भारतीय सेना की ताकत कई गुणा बढ़ गई है। इस ताकत को बढ़ाने पर भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय ने साल 2013 से फोकस किया हुआ है। खासकर दूसरे देश से युद्ध की स्थिति में निपटने के साथ ही भारतीय सेना अब आतंकवाद से निपटने के लिए भी पूरी तरह तैयार है। महाजन फील्ड फायरिंग रेंज के धोरे इस ताकत को बढ़ाने में अहम योगदान दे रहे हैं।
साल 2013 में रूस, फिर साल 2015 में फ्रांस और अब ब्रिटेन के साथ युद्धाभ्यास। ये तीनों बड़े अभ्यास राजस्थान के महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में हुए हैं। हालांकि ब्रिटिश सेना के साथ भारतीय सेना साल 2015 में ब्रिटेन में जाकर भी अभ्यास कर चुकी है। इस तरह के युद्धाभ्यास से दूसरे देश की सेना के युद्ध कौशल के साथ उनके आधुनिक हथियारों को देखने, समझने और भारत में उनकी उपयोगिता को भी सेना परख लेती है, जिनकी भारतीय सेना के बेड़े में शामिल करने की सिफारिश की जाती है।
साझा सैन्य अभ्यास से यह फायदे
- अद्र्ध शहरी क्षेत्र में आतंकवादी हमलों से निपटने के लिए दूसरे देश की सेना से रणनीति और बिना नुकसान के काउंटर अटैक सीखना।
- दूसरे देश की सेना की पैदल इकाइयों को एक दूसरे के हथियारों, उपकरणों, नेतृत्व और नियंत्रण प्रणाली व ऑपरेशन के दौरान रणनीति को समझना।
- संयुक्त योजना के तहत विभिन्न लक्ष्यों का घेराव और खोज व बचाव, संयुक्त सामरिक अभ्यास और एक दूसरे के विशेष हथियारों की मूल विशेषताओं को साझा करना।
- संयुक्त अभ्यास में मुख्य जोर शारीरिक क्षमता के साथ अत्याधुनिक हथियारों को काम में लेने और आतंकी हमले के दौरान सटीक नेतृत्व पर केन्द्रित रहता है।
- थार के रेगिस्तान में आतंकी हमलों को विफल करने का अभ्यास।
- मुख्य रूप से शहरी क्षेत्र में आतंकी हमलों को नाकाम करने का अभ्यास किया जाता है, ताकि देश की आतंरिक सुरक्षा में जरूरत पडऩे पर सेना उससे निपट सके।
- अभ्यास करीब दस से पन्द्रह दिन चलता है। दूसरे देश की सेना के साथ भारतीय सेना रोजाना नई रणनीति के तहत अभ्यास करती है।
- ड्रोन व लड़ाकू विमानों, हेलीकॉप्टर के साथ आधुनिक संचार उपकरणों को काम में लेते हुए किसी स्थान पर कब्जा जमाकर बैठे आतंकियों या दुश्मन देश के सैनिकों को मार गिराने का अभ्यास किया जाता है।
महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में बड़े अभ्यास
भारत-रूस संयुक्त सैन्यभ्यास 'इन्द्र-2013' : 19 से 28 अक्टूबर, 2013
भारत-फ्रांस संयुक्त युद्धाभ्यास 'शक्ति-2016' : 8 से 14 जनवरी, २०१६
भारतीय सेना का युद्धाभ्यास 'शत्रुजीत-2016' : 23 अप्रेल 2016
भारत- ब्रिटेन संयुक्त सैन्यभ्यास 'अजेय वारियर' : 1 से 14 दिसम्बर 2017
भारत और ब्रिटेन की सेना के बड़े संयुक्त युद्धाभ्यास
पहला : 2013 बेलगाम (भारत)
दूसरा : 2015 ब्रिटेन (यूके)
तीसरा : 2017 महाजन (भारत)
तीसरा चरण
यूके की सेना के साथ एंटी टेररिज्म एक्सरसाज का यह तीसरा चरण एक दिसम्बर से शुरू होगा। महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में 15 दिन भारत और यूके की सेना अभ्यास करेंगी। इससे भारतीय सेना की युद्ध रणनीति और आतंकवाद से लडऩे की ताकत में इजाफा होगा।
कर्नल मनीष ओझा, रक्षा प्रवक्ता, राजस्थान
यूके के सैनिक पहुंचे, कल से होगा युद्धाभ्यास
भारत व यूके की सेना के बीच एक दिसम्बर से शुरू होने जा रहे संयुक्त युद्धाभ्यास 'अजय वारियर-2017' में भाग लेेने के लिए यूूके के सैनिक बुधवार को महाजन फील्ड फायरिंग रेेंज में पहुंच गए। इसी के साथ सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण महाजन क्षेत्र में सेना की हलचल बढ़ गई है। वहीं ग्रामीणों में भी युद्धाभ्यास को लेकर खासा उत्साह नजर आ रहा है। यह युद्धाभ्यास दोनों देशों के बीच तीसरा बड़ा संयुक्त युद्धाभ्यास होगा।
जो 1 से 14 दिसम्बर तक चलेगा।रक्षा प्रवक्ता लेफ्टिनेट कर्नल मनीष ओझा ने बताया कि युद्धाभ्यास में भारतीय सेना की इकाई 20 राजपूताना राइफल्स और यूके सेना की प्रथम बटालियन रॉयल एंग्लिकन रेजिमेण्ट हिस्सा लेने महाजन पहुंची है। दोनों देशों से करीब 120 सैन्यकर्मी युद्धाभ्यास में अपना कौशल दिखाएंगे। यूके के सैनिकों का एक दल बुधवार को जयपुर पहुंचा। जहां भारतीय सेेना के अधिकारियों ने उनका स्वागत किया। औपचारिकता पूर्ण कर यूके के सैनिक सड़क मार्ग से महाजन फायरिंग रेंज में पहुंच गए।

Published on:
30 Nov 2017 09:36 am
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