उच्च तकनीक से निर्मित, दुर्घटना में सुरक्षित साबित होते हैं।
समयावधि (उम्र) 35 साल है, जबकि सामान्य कोच की अवधि 25 साल।
रखरखाव 18 माह या 6 लाख किमी चलने के बाद किया जा सकता है।
बॉयोटॉयलेट की सुविधा।
160 से 200 किमी प्रति घंटे तक दौड़ सकने की क्षमता है।
ट्रेन चलने पर यह सामान्य कोच से 40 प्रतिशत आवाज (ध्वनि) कम करते हैं।
सामान्य कोच से 1.7 मीटर लंबे।
80 सीटें, जबकि सामान्य कोच में 65 से 72 तक सीटें होती है।
एसी सामान्य ट्रेनों से ज्यादा पावरफुल।
बीकानेर मंडल की अन्य ट्रेनों में भी आने वाले दिनों में एलएचबी कोच लगाए जाने की योजना है। जैसे-जैसे कोच उपलब्ध होंगे, ट्रेनों में लगाए जाएंगे।
अभय शर्मा, वरिष्ठ वाणिज्य मंडल प्रबंधक, बीकानेर
बीकानेर मंडल से चलने वाली सभी एक्सप्रेस व मेल ट्रेनों में एलएचबी कोच लगाने चाहिए। ये कोच मजबूत व सुरक्षित होते हैं। इनमें बैठने की क्षमता भी अधिक है। इससे यात्रियों को सुविधा मिलेगी।
विनोद भटनागर, सदस्य, सीनियर सिटीजन फोरम