गांव के ग्रामीण भंवरलाल डारा व बंशीलाल डारा ने बताया कि वर्तमान में पुरे देश में पेयजल संकट आमजन के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है । राजस्थान पत्रिका अमृत जलम अभियान के तहत गांवों व शहरों में पूर्वजों के समय बने तालाब, नाडी आदि का संरक्षण करने के लिए जोर दे रहा है ।
जिससे प्रेरणा लेकर गांव में बने तालाब को सही करवाने, साफ करवाने व खुदाई करवाने के लिए गांव के झबरूराम, शक्ताराम पूनियां, हरदासराम डारा, रमेश पूनियां, गोर्वधन, गोर्वधनराम गोदारा के सामने रखी और इस बात का सभी ने सहयोग करते हुए पुरे गांव के लोगों ने सहयोग जताया और पिछले कई दिनों पहले काम शुरू हो गया और जल्द ही काम पूर्ण हो जाएगा।
सफाई में चार लाख रुपए लगेंगे सामाजिक कार्यकर्ता महीराम डारा ने बताया कि अभियान के तहत पिछले वर्ष भी काम शुरू किया था, मगर काम शुरू होते हुए वर्षा आ गई और पुरा तालाब पानी से भर गया और काम शुरू नही हो गया ।
इस वर्ष वर्षा से पहले काम शुरू करवाने का निर्णय ग्रामीणों ने लिया और १ जेसीबी ओर करीब आधा दर्जन ट्रेक्टर-ट्रालियों से काम युद्ध स्तर पर जारी है। डारा ने बताया कि तालाब में पानी आने के लिए तालाब के चारों तरफ करीब एक लाख की राशि से साफ-सफाई करवाई गई है और तालाब की सफाई व मरम्मत को लेकर करीब ढाई से तीन लाख की राशि लगाई जाएगी।
प्यास बुझाने का जरिया बना है तालाब गांव के ग्रामीणों ने बताया कि यह तालाब वर्षो पुराना है और इसमें हर समय पानी उपलब्ध रहता है और पेयजल संकट के समय इस तालाब ने गांव के लोगों व पशुओं की प्यास भी बुझाई है। ग्रामीणों ने बताया कि इस तालाब के पानी को स्वच्छ रखने के लिए हर संभव प्रयास करते हैं। तालाब पर प्रवासी पक्षी भी यहां डेरा डालते हैं।