इस घटना ने स्वास्थ्य विभाग के दावों की पोल खोल दी है। घटना शुक्रवार अलसुबह करीब तीन बजे है। जब जांगलू गांव के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर प्रसव पीड़ा होने पर पहुंची एक महिला को स्वास्थ्य केंद्र पर ताला लटका मिला। इसके बाद परिजनों ने एएनएम को फोन किया लेकिन केंद्र को प्रसव करवाने के लिए स्टाफ का कोई भी सदस्य नहीं पहुंचा।
इसी दौरान महिला को प्रसव पीड़ा बढ़ गई और उसने स्वास्थ्य केंद्र के बाहर गाड़ी में ही बच्चे को जन्म दे दिया। ग्रामीण हेतराम ने बताया कि यहां एेसा कोई पहला मामला नहीं है बल्कि कई मामले एेसे ही आते है जब जच्चा व बच्चा दोनों ही स्टाफ की लापरवाही के कारण मुसीबत में पड़ जाते है। आज भी स्टाफ को फोन किया लेकिन कोई नहीं आया। लेकिन जब महिला की तबीयत खराब होने लगी तो आनन फानन में स्टाफ करीब तीन घंटे बाद वहां पहुंचा जहां पर आकर महिला को संभाला।
हालांकि अब जच्चा व बच्चा दोनों सुरक्षित हैं। राजस्थान में यह घटना नर्इ बात नहीं है। एेसे भी मामले पहले भी सामने आए हैं। सरकार की आेर से खूब सारा पैसा खर्च करने के बावजूद लाेग परेशान हैं आैर उन्हें सुविधाएं नहीं मिल रही है। अस्पतालाें में रात काे काेर्इ नहीं टिकता ताले लटके रहते है। मजबूरन उन्हें निजी अस्पतालाें में इलाज के लिए जाना पडता है।