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बिलासपुर

हाईकोर्ट ने ख़ारिज किया अधेड़ की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका, सुनवाई में कहा अबसे पहली शादी की जानकारी छुपाने पर लगेगा जुर्माना

पहली शादी की जानकारी छुपाने पर लगाया 5 हजार का जुर्माना (fine and punishment on hiding marriage details)

बिलासपुरJul 07, 2019 / 01:06 pm

Saurabh Tiwari

HIGH COURT puts fine on hiding previous marriage details

हाईकोर्ट ने ख़ारिज किया अधेड़ की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका, सुनवाई में कहा अबसे पहली शादी की जानकारी छुपाने पर लगेगा जुर्माना

बिलासपुर. हाईकोर्ट (Chhattisgarh High Court) ने अधेड़ पति की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका खारिज करते हुए 5 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है। याचिका में पहली पत्नी व 2 बच्चों की जानकारी छिपाने व कोर्ट को गुमराह करने पर कड़ी फटकार लगाई है (hiding previous marriage details) । 45 वर्षीय व्यक्ति़ ने 20 वर्षीय युवती को बहला-फुसलाकर प्रेम विवाह कर लिया (45 year old man married 20 year old girl) । परिजनों को जब इस बात की जानकारी हुई तो लडक़ी को अपने साथ घर ले गए।
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इस पर व्यक्ति ने हाईकोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर कर अपनी पत्नी को वापस लाने की गुहार लगाई। मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पाया कि याचिकाकर्ता पति ने अपनी पहली शादी की बात छिपाकर कोर्ट को गुमराह किया है। इस पर याचिकाकर्ता पति की याचिका खारिज करते हुए उसपर 5 हजार का कास्ट लगाया है। राशि एक महीने के अंदर जमा करनी होगी।
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रायगढ़ निवासी चैनसिंह सारथी ने जशपुर की रहने वाली 20 वर्षीय युवती को बहलाकर उससे विवाह कर लिया, जबकि वह पहले से ही शादीशुदा था और दो बच्चे भी हैं। लडक़ी के परिजनों को जब इस बात की जानकारी हुई तो लडक़ी को वे अपने साथ घर ले गए। पति चैनसिंह ने एसडीएम के पास गुहार लगाई पर जांच के बाद एसडीएम ने उसके आवेदन को निरस्त कर दिया। इसके खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका लगाई गई।
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सीजे पीआर रामचंद्र मेनन की युगलपीठ ने 1 जुलाई को मामले की प्रारंभिक सुनवाई के बाद शासन को मामले की जांच रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया। शासन ने 5 जुलाई को मामले की जांच रिपोर्ट प्रस्तुत किया। युगलपीठ ने पहली शादी की बात कोर्ट से छिपाने पर याचिकाकर्ता को फटकार लगाते हुए याचिका खारिज कर दी। साथ ही उस पर 5 हजार का जुर्माना लगाते हुए एक माह में जमा कराने का निर्देश दिया है।
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