पुलिस के अनुसार लावर निवासी रविन्द्र कुमार महिलांगे पिता रहस लाल (35) का रविवार को दोपहर पत्नी से विवाद हुआ। विवाद इतना बढ़ा कि वह मरने जाने की बात कह अपने कमरे में चला गया और फांसी लगा ली। परिजन किसी तरह दरवाजा तोड़ कर अंदर दाखिल हुए और फंदे को काटकर रविन्द्र को नीचे उतारा लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। पति की मौत देख पत्नी आशा महिलांगे भी सकते में आ गई।
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पति की मौत का जिम्मेदार खुद को मानते हुए आशा भी फांसी लगाने का प्रयास करने लगी, लेकिन परिजनों की मौजूदगी के चलते उसे किसी तरह संभाल कर रखा गया। सब ने सोचा वह संभल जाएगी। आशा महिलांगे की मां बहन व जीजा उसे रात में अपने साथ ही सुलाए हुए थे। रात को करीब 12.30 बजे आशा उठी और उसी कमरे में गई जहां पति ने आत्महत्या कर ली थी।
आशा ने साड़ी का फंदा उसी जगह पर बांधा और कुर्सी के सहारे चढ़ी और फिर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। सुबह जब सबकी आंख खुली तो देखा कि आशा की लाश कमरे में उसी जगह झूल रही है जहां दोपहर २ बजे उसके रविन्द्र ने फांसी लगाकर खुदखुशी कर ली थी। पुलिस ने सूचना पर मर्ग कायम कर मामले को जांच में लिया है।
साल भर से नहीं जा रहा था काम पर
पुलिस को परिजनों ने बयान में बताया कि रविन्द्र शराब पीने का आदी था । इसी कारण वह साल भर से पेट्रोल में ड्यूटी पर नहीं जा रहा था। इस बात को लेकर पति पत्नी के बीच विवाद होता था। काम पर जाने व शराब न पीने को लेकर आशा के माता पिता भी अपने दामाद को कई बार समझा चुके थे।
चार साल व दो साल के बच्चों के सिर से उठा माता पिता का साया
मस्तूरी के लावर में हुई हृदय विदारक इस घटना में सभी को हिला कर रख दिया। रविन्द्र व आशा महिलांगे के दो बच्चे बड़ा बेटा 4 साल का विवान व 2 साल का छोटा बेटा रेहान महिलांगे है। एक तरफ घर पर मातम छाया हुआ था दो दूसरी तरफ दोनों इससे बेखबर खेल रहे थे।
एक ही घर से उठी दो की अर्थी
रविन्द्र महिलांगे का शव मस्तूरी के चीर घर में रखा हुआ था। वहीं सुबह आशा महिलांगे के आत्म हत्या करने से पुलिस को लिखा पढ़ी में चार बज गया। दोनों पति पत्नी का शाम 4 बजे लावर में ही कफन दफन किया गया। एक ही घर से दो अर्थी उठने से पूरे गांव के लोगों की आंखें नम थी।