नक्का मूर्ति को एनआईए कोर्ट से मिली जमानत, संगीन आरोप पर किया गया था गिरफ्तार
एन वेंकट राव उर्फ नक्का मूर्ति
नक्का मूर्ति को एनआईए कोर्ट से मिली जमानत, संगीन आरोप पर किया गया था गिरफ्तार
बिलासपुर. एनआईए कोर्ट ने माओवादियों की मदद के आरोप में गिरफ्तार किए गए एन वेंकट राव उर्फ नक्का मूर्ति को डिफाल्ट बेल के आधार पर जमानत दे दी है। पुलिस द्वारा तीन महीने में चार्जशीट प्रस्तुत नहीं किए जाने के कारण कोर्ट ने रिहा करने का आदेश दिया है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार आरोपित एन वेंकट राव भारत सरकार की हैदराबाद स्थित नेशनल जियोफिजिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट में राजपत्रित अधिकारी है। इस पर आरोप है कि पिछले 38 वर्षों से माओवादियों के शहरी नेटवर्क के लिए काम कर रहा था। इतना ही नहीं समय-समय पर माओवादियों को बारुद की सप्लाई भी करता था। पुलिस ने जब दिसंबर 2018 में इसे गिरफ्तार किया तो इसके पास से वायरलेस सेट, डिटोनेटर, बड़ी मात्रा में नक्सली साहित्य व पत्र बरामद किया था। पुलिस को अपने सूत्रों और आत्मसमर्पित नक्सली पहाड़ सिंह से ये जानकारी मिली कि एन वेंकट राव नाम का व्यक्ति बाइक से आता है और नक्सलियों को गोला-बारुद और जरुरी सामान सप्लाई करता है। साथ ही माओवादियों के बड़े लीडरों से भी उसकी मीटिंग होती है। पुलिस ने मिली जानकारी के आधार पर जाल बिछाया और दिसंबर 2018 में राजनांदगांव जिला के बागनदी थाना क्षेत्र के चाबुकनाला मोड़ पर धर दबोचा। पूछताछ में आरोपित ने स्वीकार किया कि वो गुरिल्ला जोन को लाजिस्टिक सपोर्ट करता है और पिछले 38 वर्षों से गोला-बारुद भी उपलब्ध कराता है। साथ ही ये भी स्वीकार किया कि पीएम मोदी की हत्या के साजिश में गिरफ्तार आरोपी सुधा भारद्वाज, वरवरा राव, गौतम नवलखा, अरुण फरेरा, वेरदन गोंजाल्विस, आनंद तेलतुंबड़े, फादर स्टेन स्वामी और सुसान अब्राहम से भी परिचित है। एनआईए कोर्ट बिलासपुर में पुलिस द्वारा तीन माह की समय सीमा में चार्जशीट प्रस्तुत नहीं किए जाने के कारण आरोपित को रिहा करने का आदेश दिया है।
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