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बिलासपुर

परिवार की खुशहाली के लिए ये करते हैं ऐसा काम, इस तरह मनाते हैं गोगड़ा पर्व, इस दिन नहीं जलता चूल्हा !

सिंधी समाज ने मनाया गोगड़ा पर्व, की नागदेव की पूजा, भक्ति व आस्था के साथ परिवार की खुशहाली की कामना (nag panchami story in hindi)

बिलासपुरAug 06, 2019 / 07:16 pm

Saurabh Tiwari

sindhi festival

परिवार की खुशहाली के लिए ये करते हैं ऐसा काम, इस तरह मनाते हैं गोगड़ा पर्व, इस दिन नहीं जलता चूल्हा !

बिलासपुर.सिंधी समाज ने सोमवार को गोगड़ा पर्व (sindhi festival) यानी की नागपंचमी (nag panchami) का पर्व भक्तिमय वातावरण में वैदिक विधियों से नागदेव की पूजा-अर्चना करते हुए मनाई। सुबह कच्चे मिट्टी के बर्तन में दूध लेकर पीपल पेड़ के नीचे रखा। (nag panchami in hindi) नागदेव की पूजा करते हुए उन्हें मिठी कोकी, नमकीन रोटी व ढेपला जैसे पारंपरिक व्यंजन का भोग अर्पित कर परिवार के खुशहाली की कामना की। सिंधी समाज की महिलाओं ने सुबह गोगड़ा पर्व की विशेष पूजा की। (nag panchami pooja)
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पूज्य सिंधी पंचायत महिला विंग की सरिता डोडवानी ने बताया कि पर्व की शुरुआत सुबह घर की महिलाएं मिट्टी के बर्तन में कच्चा दूध, शक्कर, आटा, घी लेकर पीपल के पेड़ पर कच्चा धागा लपेटकर उसके निकट लाल कपड़े के ऊपर मिट्टी के बर्तन को रख कर पूजा की। इसके बाद घर में बनाए गए तरह-तरह के पारंपरिक व्यंजन का भोग पीपल पेड़ के नीचे ही अर्पित कर भगवान शंकर की स्तुति करते हुए नागदेव की भी पूजा की गई। यह पूजा शहर के अलग-अलग क्षेत्रों में सिंधी समाज की महिलाओं ने किया। पूजा करते हुए परिवार के सुख-समृद्धि, खुशहाली स्वास्थ्य लाभ की कामना करती रही।
०घरों में नहीं जलाए गए चूल्हे

गोगड़ा पर्व के अवसर पर एक दिन पहले ही घर में पारंपरिक व्यंजन बनाए गए। जिसमें मीठी कोकी, नमकीन रोटी, ढेपला जैसे व्यंजन बनाकर महिलाओं ने रखे। जिसे सोमवार को नागपचंमी के दिन पूरे परिवार के लोगों ने खाया। इस दिन ठंडा भोजन करने की परंपरा है इसलिए सभी ने यह भोजन ग्रहण किया।
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