READ MORE – पढ़िए बाघ के साथ ग्रामीण के संघर्ष की कहानी, अचानक हमले के बाद ऐसे बचाई जान पूज्य सिंधी पंचायत महिला विंग की सरिता डोडवानी ने बताया कि पर्व की शुरुआत सुबह घर की महिलाएं मिट्टी के बर्तन में कच्चा दूध, शक्कर, आटा, घी लेकर पीपल के पेड़ पर कच्चा धागा लपेटकर उसके निकट लाल कपड़े के ऊपर मिट्टी के बर्तन को रख कर पूजा की। इसके बाद घर में बनाए गए तरह-तरह के पारंपरिक व्यंजन का भोग पीपल पेड़ के नीचे ही अर्पित कर भगवान शंकर की स्तुति करते हुए नागदेव की भी पूजा की गई। यह पूजा शहर के अलग-अलग क्षेत्रों में सिंधी समाज की महिलाओं ने किया। पूजा करते हुए परिवार के सुख-समृद्धि, खुशहाली स्वास्थ्य लाभ की कामना करती रही।
०घरों में नहीं जलाए गए चूल्हे गोगड़ा पर्व के अवसर पर एक दिन पहले ही घर में पारंपरिक व्यंजन बनाए गए। जिसमें मीठी कोकी, नमकीन रोटी, ढेपला जैसे व्यंजन बनाकर महिलाओं ने रखे। जिसे सोमवार को नागपचंमी के दिन पूरे परिवार के लोगों ने खाया। इस दिन ठंडा भोजन करने की परंपरा है इसलिए सभी ने यह भोजन ग्रहण किया।