Bilaspur Breaking News : हैरान करने वाली स्थिति है कि प्रदेश में पंजीकृत तंबाकू उत्पादों से जितना टैक्स वसूला गया या यूं कहें कि जितनी कमाई नहीं हुई है उससे ज्यादा कैंसर से मौतों के मामले यहां सामने आए हैं। यदि आंकड़ों की बात करें तो तीन वित्तीय वर्ष में प्रदेश से ही 850 करोड़ रुपए का केंद्रीय कर जमा हुआ है। (Bilaspur News Update) जबकि इन्हीं तीन वर्षों में कैंसर के कारण हुई मौतों का आंकड़ा देखें तो वर्ष 2018 से 2022 तक 76415 लोगों की मौत कैंसर के कारण हुई है। विशेषज्ञों का कहना है कि कैंसर के कई कारणों में से तंबाकू भी एक प्रमुख कारण है।
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पिछले वर्ष दिसंबर में केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की रिपोर्ट पर गौर करें तो वर्ष 2022 में ही 14 लाख 61 हजार 427 कैंसर पीड़ित थे। राष्ट्रीय कैंसर रजिस्ट्री कार्यक्रम के अनुसार इसमें से 29253 पीड़ित प्रदेश से शामिल हैं।
राष्ट्रीय परिदृश्य में तंबाकू से कमाई
पूरे देश की बात करें तो वित्तीय वर्ष 2019-20 में 18 हजार 175 करोड़, 20-21 में 17 हजार 78 करोड़ और 21-22 में 19 हजार 328 करोड़ की तंबाकू से कमाई हुई है।
पूरे देश की बात करें तो वित्तीय वर्ष 2019-20 में 18 हजार 175 करोड़, 20-21 में 17 हजार 78 करोड़ और 21-22 में 19 हजार 328 करोड़ की तंबाकू से कमाई हुई है।
राष्ट्रीय परिदृश्य में कैंसर से मौत अब सिर्फ वर्ष 2020 से 22 तक के आंकड़े को ही देखें तो हर वर्ष सात लाख से ज्यादा लोगों की मौत कैंसर के कारण हुई है। वर्ष 2022 में ये आंकड़ा आठ लाख को पार गया था।
वर्ष मौत 2018 – 14522 2019 – 14891 2020 – 15279 2021 – 15666 2022 – 16057 राज्य में वर्ष 2022 तक कैंसर पीड़ितों की संख्या 29253 है
हर वर्ष बढ़ रही संख्या : चौंकाने वाली बात यह है कि प्रदेश में हर वर्ष कैंसर से मौत के आंकड़े बढ़ रहे हैं। (CG News Update) यह ट्रेंड दो वर्ष का देखा जा रहा है। वर्ष 2018 से 19 तक आंकड़ा 14 हजार के पास रहा लेकिन 20 और 21 में ये 15 हजार पार कर गया। वर्ष 2022 में तो ये आंकड़ा 16 हजार के पार है।
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कैंसर में तंबाकू की क्या और कितनी भूमिका है ? कैंसर में इसका सबसे बड़ा रोल है। आज अस्पताल पहुंच रहे 70 से 90 प्रतिशत मरीज किसी न किसी तरह से तंबाकू का सेवन करते है। तंबाकू के सेवन से फेफड़े, आहार नली, आवाज़ नली, और पेट के कैंसर हो सकते हैं। यह भी पढ़ें
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कैंसर पीड़ित के इलाज में औसतन मिनिमम खर्च क्या है ? कैंसर ट्रीटमेंट के अलग अलग स्टेज होते है – सर्जरी, केमो थेरेपी, रेडियो थेरेपी और इम्मुनोथेरपी। अगर मरीज शुरुआती स्टेज में है तो कम खर्च और ऐसे ये बढ़ता जाता है। (CG Breaking News) प्राइवेट अस्पतालों में कैंसर के इलाज में तकरीबन 4 से 5 लाख तक का खर्च है। आयुष्मान कार्ड से सरकारी अस्पतालों में इसका इलाज मुफ्त है।
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राज्य में कैंसर के बढ़ते मामलों का प्रमुख कारण क्या है ? राज्य/शहर में कैंसर के बढ़ते मरीज का सबसे प्रमुख कारण है नशा। जिसमें तंबाकू से बने बीड़ी, सिगेरट, जर्दा आदि और शराब का सेवन शामिल है। दूसरा कहा जाए तो जंक फूड भी कैंसर होने की प्रमुख वजह में से है। (CG Bilaspur News) उन्हें अनहैल्दी फूड या जंक फूड के सेवन से छोटी आंत, बड़ी आंत और गुदाद्वार के कैंसर के मामले आ रहे है।