आदेश में संयुक्त सचिव एसके चक्रवर्ती ने कहा है कि राज्य शासन ने प्रदेश की शासकीय महिला कर्मचारियों को उनके 18 वर्ष से कम उम्र की 2 संतानों के पालन-पोषण के लिए सेवा काल में अधिकतम 730 दिनों का अवकाश स्वीकृत करने का निर्णय लिया है। संतान पालन अवकाश योजना के तहत महिला कर्मचारियों को एक कैलेण्डर वर्ष में 3 से अधिक बार स्वीकृत नहीं किया जाएगा।
योजना के तहत अवकाश को अधिकतम सीमा तय नहीं है जबकि कम से कम 5 दिनों का अवकाश जरूर मिलेगा। संतान पालन अवकाश अर्जित अवकाश के समान मानी जाएगी। अवकाश के लिए महिला कर्मचारियों को 3 सप्ताह पूर्वआवेदन देना होगा। योजना के तमहत विशेष परिस्थितियों में 10 दिनों से कम अवधिक के लिए अवकाश स्वीकृति के लिए तीन सप्ताह की समय सीमा बढ़ाई जाएगी। योजना के तहत स्वीकृत आदेश के बाद लागू अवकाश में शामिल नहीं किया जाएगा। अवकाश के दौरान महिला कर्मचारियों को पूरा वेतन मिलेगा। (Maternity leave)
दत्तक संतानों के लिए भी नियम लागू
योजना में विधिक रूप से साबित दत्तक संतनों के पालन पोषण के लिए अवकाश मिलगा। आवेदन के समय संतानों के जन्म प्रमाण पत्र आवश्यक है। साथ ही अवकाश के कारणों में परीक्षा और बीमारी का उल्लेख किया जाना जरूरी है। अवकाश के दौरान पडऩे वाले राजपत्रित या साप्ताहिक अवकाश अवकाश में संयोजित माने जाएंगे। साथ ही अवकाश का खाता अलग से तैयार होगा और आवकाश की जानकारी महिला कर्मचारियों की सेवा पुस्तिका में दर्ज की जाएगी।