बायोडायवर्सिटी रिसर्च केंद्र, पार्क विकसित हो : मिनरल रिसोर्स ऑफ छत्तीसगढ़ के सत्यनारायण ने बताया कि छत्तीसगढ़ में वृहत पैमाने पर पर खनिज है लेकिन जशपुर में उस मात्रा में खनिज पदार्थ नहीं हैं इसलिए यहाँ इस ओर ध्यान न देकर केरल की तरह बायोडायवर्सिटी रिसर्च केंद्र और पार्क विकसित कर जैव विविधता का संरक्षण किया जाना चाहिए। डॉ रेने कुजूर ने जशपुर स्पाइडर प्रजाति क़े बारे में बताया उन्होंने बताया कि किस किस प्रकार क़े जीव जंतु क़े लिए जशपुर अनुकूलित है। फ्रूट साइंस के जोनसेन लकड़ा ने जशपुर जिले में बगीचा पंडरापाठ, सन्ना, जशपुर, कुनकुरी, फरसाबाहर, पत्थलगांव क्षेत्र में होने वाले फलों और इसकी खेती की अनुकूलता के बारे में बताया।
उन्होंने कहा कि जशपुर की समृद्धि जैव विविधता और जलवायु में सभी प्रकार की उद्यानिकी फसलों का उत्पादन किया जा सकता हैं चाहे वह गर्म क्षेत्र हो या ठंडा क्षेत्र हो। कार्यशाला में डीएफओ जितेंद्र कुमार उपाध्याय, सीईओ केएस मंडावी, कांग्रेस जिलाध्यक्ष मनोज सागर यादव ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर सभी प्रतिभगियों एवं विशेषज्ञजनों को सम्मानित भी किया गया।