
ऐसा कहा जाता है कि योग हर मर्ज की दवा है बस इसका इस्तेमाल करने की तकनीक आनी चाहिए। योग का एक बड़ा मशहूर प्राणायाम है अनुलोम विलोम प्राणायाम। ज्यादातर लोग यही समझते हैं कि, सिर्फ एक नथुने से सांस खींचना और दूसरे से छोड़ देना ही अनुलोम विलोम प्राणायाम है। लेकिन ऐसा नहीं है। अनुलोम विलोम को नाड़ी शोधन प्राणायाम भी कहा जाता है। लेकिन ज्यादातर लोग इस बारे में नहीं जानते हैं।
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हृदय रोगों से बचने के लिए भी अनुलोम विलोम प्राणायाम के लाभ हो सकते हैं। यह प्रणायाम हृदय की बीमारी और हार्ट ब्लॉकेज से बचाव कर सकता है। साथ ही हाई ब्लड प्रेशर जैसे हृदय रोग के जोखिम को भी कम करने में सहायक माना जाता है। हृदय के मरीजों के लिए अनुलोम विलोम प्राणायाम इसलिए भी फायदेमंद है, क्योंकि यह हृदय की क्षमता को बढ़ा सकता है।
अनुलोम विलोम करने का तरीका
अनुलोम-विलोम करने के लिए दाएं हाथ के अंगूठे और दाएं हाथ की मध्य उंगली का इस्तेमाल करना चाहिए
पद्मासन की मुद्रा में बैठकर बाएं पैर के पंजे को अपने दाईं जांघ पर और दाएं पैर के पंजे को बाईं जांघ पर रखें
पद्मासन की मुद्रा में जो नहीं बैठ सकते, वो सुखासन मुद्रा में बैठ सकते हैं
अगर किसी के लिए जमीन पर बैठना मुश्किल है, तो कुर्सी पर बैठ सकते हैं
कमर सीधी रखें और अपनी दोनों आंखें बंद कर लें
एक लंबी गहरी सांस लें और धीरे से छोड़ दें। इसके बाद खुद को एकाग्र करने की कोशिश करें
दाहिने (सीधे) हाथ के अंगूठे से अपनी दाहिनी नासिका को बंद करें और बाईं नासिका से धीरे-धीरे गहरी सांस लें
सांस लेने में जोर न लगाएं, जितना हो सके उतनी गहरी सांस लें
अब दाहिने हाथ की मध्य उंगली से बाईं नासिका को बंद करें और दाईं नासिका से अंगूठे को हटाते हुए धीरे-धीरे सांस छोड़ें
कुछ सेकंड का विराम लेकर दाईं नासिका से गहरी सांस लें।
अब दाहिने अंगूठे से दाहिनी नासिका को बंद करें और बाईं नासिका से दाहिनी हाथ की मध्य उंगली को हटाकर धीरे-धीरे सांस छोड़ें
इस प्रकार अनोम-विलोम प्राणायाम का एक चक्र पूरा हो जाएगा।
एक बार में ऐसे पांच से सात चक्र कर सकते हैं। इस प्रक्रिया को रोज करीब 10 मिनट कर सकते हैं।
अनुलोम-विलोम करने के फायदे
अनुलोम-विलोम से फेफड़े शक्तिशाली होते हैं
सर्दी, जुकाम व दमा की शिकायतों से काफी हद तक बचाव होता है
हृदय बलवान होता है
गठिया के लिए फायदेमंद है
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मांसपेशियों की प्रणाली में सुधार करता है
पाचन तंत्र को दुरुस्त करता है
तनाव और चिंता को कम करता है
पूरे शरीर में शुद्ध ऑक्सीजन की आपूर्ति बढ़ाता है
डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।
Published on:
22 Jun 2023 12:44 pm
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