एरण्ड के बीजों के अलावा पत्ते, जड़ और तेल सभी कई रोगों के इलाज में लाभदायक होते हैं। इनमें एंटीइंफ्लेमेट्री, एंटीऑक्सीडेंट, एंटीबैक्टीरियल और एंटीफंगल तत्त्व होते हैं। यह कई प्राकृतिक तत्त्वों से भी युक्त है जिस कारण यह त्वचा और बालों की सेहत बनाए रखता है।
जोड़ों और मांसपेशियों में होने वाले दर्द, सूजन को दूर करने में इसे खासतौर पर प्रयोग में लेते हैं। इसके अलावा छोटे बच्चों के शरीर की मालिश के लिए इसका इस्तेमाल होता है। यह रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ाता है। शुष्क त्वचा में नमी लाने के साथ यह निखार भी लाता है। इसके इस्तेमाल से किसी भी प्रकार के संक्रमण से बचा जा सकता है।अरंडी के तेल ( Castor Oil ) में एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंट-एजिंग व एंटी-बैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं। यह त्वचा को मॉश्चराइज करता है और उसमें निखार लेकर आता है। इससे मसाज करने से शरीर के अंदर रक्त प्रवाह अच्छा हो जाता है और चेहरा जवां व खिला-खिला नजर आता है।
ज्यादातर इसके तेल को प्रयोग में लिया जाता है। इसके लिए इसे अकेले या फिर अन्य जड़ी-बूटी या औषधि के साथ प्रयोग करते हैं। साथ ही त्वचा पर बाहरी रूप से इसके पत्ते को पीसकर लेप की तरह लगा सकते हैं। इसके बीजों को भी चिकित्सक की सलाह से लिया जा सकता है।