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व्यायाम करने के दौरान हैवी वर्कआउट से बचें, नहीं तो हो सकते ये नुकसान

एक्सरसाइज करने से पहले हृदय रोगियों को डॉक्टर से सलाह जरूर लेनी चाहिए, साथ ही विशेषज्ञ की देखरेख में ही व्यायाम करने चाहिए। एक्सरसाइज में उन्हें 40 मिनट हर दिन और सप्ताह में 200 मिनट तक एक्सरसाइज जरूर करनी चाहिए। साथ ही सप्ताह में कम से कम पांच दिन लो टु मॉडरेट इंटेंसिटी एक्सरसाइज करनी चाहिए।

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जयपुर

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Jyoti Kumar

Sep 04, 2023

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एक्सरसाइज करने से पहले हृदय रोगियों को डॉक्टर से सलाह जरूर लेनी चाहिए, साथ ही विशेषज्ञ की देखरेख में ही व्यायाम करने चाहिए। एक्सरसाइज में उन्हें 40 मिनट हर दिन और सप्ताह में 200 मिनट तक एक्सरसाइज जरूर करनी चाहिए। साथ ही सप्ताह में कम से कम पांच दिन लो टु मॉडरेट इंटेंसिटी एक्सरसाइज करनी चाहिए।


एरोबिक एक्टिविटीज
इनमें कार्डियोवेस्कुलर एक्टिविटी शामिल हैं। इनमें ब्रिस्क वॉकिंग (तेज कदमों से चलना), रनिंग, स्विमिंग, साइक्लिंग, जंपिंग रोप (रस्सी कूदना), बैडमिंटन या अन्य कोई पसंदीदा खेल खेलना आदि शामिल हैं। इनसे ब्लड प्रेशर नियंत्रित, हृदयगति में सुधार होता और रक्त संचार बढ़ता है।

स्ट्रेंथ ट्रेनिंग
विशेषज्ञ की देखरेख में स्ट्रेंथ संबंधी व्यायाम करने चाहिए। इनमें आइसोमेट्रिक एक्सरसाइज (पुशअप्स, सिटअप्स, वेट लिफ्टिंग आदि) करनी चाहिए। इनमें मशीन आधारित व्यायाम, डंबल्स, चिनअप आदि भी कर सकते हैं। इनसे मांसपेशियों को मजबूती मिलती है, बैड कॉलेस्ट्रोल कम होता है।


स्ट्रेचिंग से मिलेगी मांसपेशियों को राहत
शरीर को फ्लेक्सिबल बनाने के लिए स्ट्रेचिंग एक्टिविटीज पर खासकर ध्यान दें। ये अभ्यास शरीर को सक्रिय बनाते हैं और मांसपेशियों के दर्द आदि में राहत दिलाते हैं। इनसे जोड़ संबंधी समस्याएं भी दूर होती हैं।

व्यायाम से जुड़ा यह मिथक तोड़ें
हृदय रोगियों को लेकर लोग मानते हैं कि उन्हें एक्सरसाइज नहीं करनी चाहिए, लेकिन वास्तव में ऐसा नहीं है। हृदय रोगियों को व्यायाम करना चाहिए। हालांकि इससे पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर करें, साथ ही ट्रेनर की देखरेख में ही व्यायाम करें।


क्यों नहीं करें ज्यादा भारी व्यायाम?
कई शोधों से स्पष्ट हो चुका है कि उच्च तीव्रता वाले व्यायाम (हाइ इंटेसिव वर्कआउट) से अचानक हृदय गति रुकने का खतरा रहता है। हार्ट राइम डिसऑर्डर का जोखिम होता है। 4-8 किग्रा वजन के साथ ही व्यायाम करें। इससे अधिक वजन न उठाएं।

कब अधिक सावधानी बरतें?
जिन लोगों को एक या दो बार हार्ट अटैक आ चुका हो, ज्यादा मोटापे या डायबिटीज से भी ग्रस्त हों या फिर जो अत्यधिक कमजोर हों तो उन्हें अतिरिक्त सतर्कता की जरूरत है। ध्यान देने वाली बात यह भी है कि जब एक्सरसाइज के लिए डॉक्टर ग्रीन सिग्नल दे, तब ही इसके लिए बढ़ें। अपने टे्रनर इंटेसिव कैप्सिटी की जानकारी जरूर करें और फिर शुरू करें।