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Brain Stroke: जानिए क्यों होता है ब्रेन स्ट्रोक, कैसे करें पहचान और उपचार

brain stroke: brain stroke symptoms: brain stroke treatment: बे्रन स्ट्रोक यानी मस्तिष्क में रक्त का प्रवाह बाधित होना व हैमरेज यानी रक्त कोशिकाओं का फटना। कई बार लोग बे्रन स्ट्रोक की स्थिति को बे्रन हेमरेज समझ लेते हैं। जबकि बे्रन हेमरेज मस्तिष्क को रक्त पहुंचाने वाली नलिकाओं का फटना है। ब्रेन स्ट्रोक जानलेवा भी हो सकता है जिसे ब्रेन अटैक भी कहते हैं।

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जयपुर

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Vikas Gupta

Jul 02, 2019

Brain Stroke: जानिए क्यों होता है ब्रेन स्ट्रोक, कैसे करें पहचान और उपचार

brain stroke

brain stroke:brain stroke symptoms: बे्रन स्ट्रोक यानी मस्तिष्क में रक्त का प्रवाह बाधित होना व हैमरेज यानी रक्त कोशिकाओं का फटना।

ब्रेन स्ट्रोक (brain stroke ) क्या होता है? (brain stroke definition) :
कई रक्त नलिकाएं हृदय से मस्तिष्क तक रक्त पहुंचाती हैं। इनमें खून का थक्का जमने या रक्त संचार बाधित होने पर बे्रन स्ट्रोक (brain stroke) की स्थिति बनती है। कई बार लोग बे्रन स्ट्रोक की स्थिति को बे्रन हेमरेज समझ लेते हैं। जबकि बे्रन हेमरेज मस्तिष्क को रक्त पहुंचाने वाली नलिकाओं का फटना है। ब्रेन स्ट्रोक जानलेवा भी हो सकता है जिसे ब्रेन अटैक भी कहते हैं।

यह भी पढ़ें-रिसर्च स्टोरी: स्टेम सेल से ब्रेन स्ट्रोक का उपचार

इसकी पहचान कैसे की जा सकती है? (Brain Stroke Symptoms):
इसके लक्षण लोगों में अलग-अलग होते हैं। कई मामलों में मरीज को पता नहीं चल पाता कि वह ब्रेन स्ट्रोक का शिकार हुआ है। ज्यादातर इसके लक्षण अचानक दिखाई देते हैं। इनमें प्रमुख हैं अचानक संवेदना शून्य हो जाना, चेहरे, हाथ या पैर में व विशेष रूप से शरीर के एक भाग में कमजोरी आ जाना, समझने या बोलने में दिक्कत होना, एक या दोनों आंखों की क्षमता प्रभावित होना, चलने में परेशानी, चक्कर आना और अचानक तेज सिरदर्द होना।

क्या ब्रेन स्ट्रोक का उपचार संभव है ? (brain stroke treatment):
इसके शुरुआती लक्षणों को टीआईए (ट्रांजिंट इस्किमिक अटैक) कहा जाता है। ये अस्थायी होते हैं लेकिन लापरवाही से स्थिति गंभीर हो सकती है। स्ट्रोक के तीन घंटे के अंदर इलाज शुरू हो जाए तो दवाओं से क्लॉटिंग खत्म की जा सकती है। ऐसे मरीजों को खून के थक्के गलाने वाला इंजेक्शन दिया जाता है। स्ट्रोक के तीन घंटे के भीतर जो इलाज stroke recovery treatmentउपलब्ध कराते हैं उसे 'गोल्डन पीरियड' कहते हैं।

स्ट्रोक से बचाव कैसे हो? (prevention of stroke):
एक्सरसाइज, नियंत्रित वजन, हैल्दी डाइट से इसे रोका जा सकता है। धूम्रपान व शराब से बचें। ब्लड प्रेशर और ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित रखें। महिलाओं में हार्मोन का असंतुलन, गर्भावस्था या गर्भ निरोधक गोलियां लेने वाली महिलाओं में बे्रन स्ट्रोक का खतरा अधिक रहता है।