
अगर बच्चे में कुछ एेसे लक्षण दिखाएं दें कि वो कुछ सुनकर कोई प्रतिक्रिया नहीं कर रहा तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
अधिकांश बच्चों के कम सुनने व बहरेपन की पहचान जन्म के समय न होकर उम्र बढ़ने पर कुछ भी सुनकर प्रतिक्रिया न दिखाने से होती है। इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। बच्चों में सुनने की क्षमता में कमी या बहरेपन को नजरअंदाज करना उसके बोलने की क्षमता को भी प्रभावित करता है। अगर बच्चे में कुछ एेसे लक्षण दिखाएं दें कि वो कुछ सुनकर कोई प्रतिक्रिया नहीं कर रहा तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
वजह: आनुवांशिकता, जन्म के समय कान में विकृति, सांस लेने में दिक्कत, पीलिया व किसी रोग के लिए दिए जाने वाले इंजेक्शन से भी सुनने की क्षमता कम हो सकती है।
इलाज: यदि जन्म या 1-2 साल के दौरान कम सुनने के कारणों में कान में मध्य भाग में इंफेक्शन, गले में मौजूद गिल्टी (एडेनॉएड) के आकार में बढ़ने की समस्या है तो इसका इलाज संभव है। इसके अलावा हियरिंग एड से कम सुनने में दिक्कत दूर करने और बचपन में परेशानी की पहचान कर कॉक्लियर इंप्लांट उपयोगी साबित होता है।
Published on:
28 Jun 2019 02:07 pm
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