Research Story: 40 की अवस्था में करें ये एक्सरसाइज तो 80 में दौड़ेगा आइंस्टाइन की तरह दिमाग
जयपुरPublished: Sep 06, 2019 04:41:11 pm
नियमित किताबें पढ़ना, वाद्ययंत्रों का प्रयोग, सामूहिक गायन, सामाजिक कार्यक्रमों में उपस्थिति, बागवानी, धार्मिक कार्यक्रमों में जाने से वृद्धावस्था में याद्दाश्त अच्छी रहती है।
दिनचर्या में करें शामिल
अधेड़ उम्र में शारीरिक व मानसिक रूप से सक्रिय रहने के कारण वृद्धावस्था में याद्दाश्त का खतरा कम होता है। स्वीडन के गोदनबर्ग विश्वविद्यालय में हुए अध्ययन को न्यूरोलोजी जर्नल में प्रकाशित किया गया। स्वीडन में 47 वर्ष की 800 महिलाओं पर यह अध्ययन किया गया। अध्ययन में पाया गया कि नियमित किताबें पढ़ना, वाद्ययंत्रों का प्रयोग, सामूहिक गायन, सामाजिक कार्यक्रमों में उपस्थिति, बागवानी, धार्मिक कार्यक्रमों (Reading books, use of instruments, group singing, attendance at social events, gardening, religious programs) में जाने से वृद्धावस्था में याद्दाश्त अच्छी रहती है। ऐसी गतिविधियों को दिनचर्या में आसानी से शामिल किया जा सकता है।
गुनगुनाने से मानसिक कसरत होती है
गुनगुनाने से मानसिक कसरत होती है। शब्द ढूंढने व उनको याद रखने की आदत बढ़ती है। सक्रिय जीवनशैली जीवन से बीमारियों का खतरा अपेक्षाकृत कम रहता है। लोगों से बात करने व सहभागिता से तनाव व अवसाद नहीं होता है, जिसका असर याद्दाश्त पर पड़ता है।