
Drinkers may be in danger
सेप्सिस या सेप्टिसीमिया एक प्रकार का ब्लड इंफेक्शन है। जो मुख्यत: बैक्टीरिया के संक्रमण से होता है। निमोनिया, मेनिनजाइटिस, यूरिनरी टै्रक्ट इंफेक्शन भी इसका कारण हो सकते हैं। इसके अलावा सर्जरी के बाद घाव, यूरिनरी कैथेटर का इस्तेमाल या पीठ में घाव होने पर भी सेप्सिस की स्थिति बन सकती है।
इन्हें अधिक खतरा : एचआईवी, कैंसर, कमजोर इम्यूनिटी, डायबिटीज व किसी रोग से पीडि़त उम्रदराज व्यक्ति, शराब पीने वाले और किडनी व फेफड़ों की गंभीर बीमारी के रोगी अधिक पीडि़त होते हैं।
कई दिक्कतों से बढ़ता रोग-
ब्लड इंफेक्शन होने पर ब्लड का थक्का बनने की समस्या होती है। इससे रक्तसंचार बाधित होने के अलावा ऑक्सीजन की कमी और कई अंग जैसे फेफड़े, किडनी और लिवर काम करना बंद कर सकते हैं। समय रहते इलाज न होने पर मरीज की जान को खतरा रहता है। कई बार संक्रमण हड्डियों तक पहुंच जाता है।
लक्षण: तेज धड़कन व बुखार-
सर्दी लगकर तेज बुखार, शरीर में दर्द, डिहाइड्रेशन, सांस तेज चलना, धड़कन तेज होना, उल्टी महसूस होना व यूरिन कम होने जैसे लक्षण सामने आते हैं।
एंटीबायोटिक से इलाज-
रोगी की स्थितिनुसार ब्लड टैस्ट, अल्टासाउंड, एक्स-रे, सीटी स्कैन व बीपी, प्लेटलेट्स और लिवर व किडनी फंक्शन टैस्ट भी कराते हैं। बतौर इलाज एंटीबायोटिक व एंटीवायरल दवाएं दी जाती हैं। ऑक्सीजन की पूर्ति करने के साथ रोगी को फ्लूड देकर बीपी नियंत्रित करते हैं।
Published on:
29 Jun 2020 10:58 pm
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