script

शिशु में हो जन्मजात विकृतियां तो ऐसे होता है इलाज

locationजयपुरPublished: Apr 18, 2019 12:13:53 pm

Submitted by:

Jitendra Rangey

शिशु की जन्मजात विकृतियों का गर्भावस्था के दौरान जांचों से परेशानियों का पता लगाते हैं।

baby care

baby care

गर्भवती का गर्भ के समय से ही रखा जाता है ध्यान
नवजात को कोई समस्या न हो ऐसे में गर्भवती का गर्भ के समय से ही ध्यान रखा जाता है। उसके रहन-सहन से लेकर डाइट तक पर विशेष ध्यान रखते हैं। जहां डॉक्टर्स गर्भवती को उसकी स्थिति को देखते हुए आराम करने एवं अन्य प्रकार की सावधानियां के बारे में बताते हैं वहीं शिशु को कोई दिक्कत या बीमारी न हो उसका भी ख्याल रखा जाता है। ऐसे मेें कई बार गर्भ के समय पर भी विशेषज्ञ गर्भवती की कई प्रकार की जांचें भी करवाते हैं।
ऐसे होता इलाज: अविकसित आहार नाल, श्वास व खाने की नली का जुड़ा न होना। मलद्वार या मूत्र अंग का अवरुद्ध होना, सिर में पानी, रीढ़ की हड्डी में गांठ, सीने व पेट के बीच की दीवार का नहीं होना आदि का इलाज सर्जरी से होता है।
दूरबीन से सर्जरी: शिशु की लैप्रोस्कोपी सर्जरी शरीर में छोटे छिद्रों के माध्यम से की जाती है। सर्जरी में ध्यान रखा जाता है कि शिशु को कोई संक्रमण न हो और उसके शरीर का तापमान नियंत्रित रहे।
डॉ. अतुल गुप्ता, पीडियाट्रिेक सर्जन

ट्रेंडिंग वीडियो