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न दवा, न सर्जरी, कई रोगों में फिजियोथेरेपी ही सही

फिजियोथेरेपी यूं तो आधुनिक चिकित्सा पद्धति मानी जाती है, लेकिन भारत में सदियों से चले आ रहे मालिश व कसरत के नुस्खे का ही यह मिला-जुला रूप है।

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Jameel Ahmed Khan

Aug 26, 2018

Physiotherapy

Physiotherapy

फिजियोथेरेपी यूं तो आधुनिक चिकित्सा पद्धति मानी जाती है, लेकिन भारत में सदियों से चले आ रहे मालिश व कसरत के नुस्खे का ही यह मिला-जुला रूप है। मानसिक तनाव, घुटनों, पीठ या कमर में दर्द जैसे कई रोगों से बचने या निपटने के लिए बिना दवा खाए या चीरा लगवाए फिजियोथेरेपी एक असरदार तरीका है। मौजूदा समय में अधिकांश लोग दवाइयों के झंझट से बचने के लिए फिजियोथेरेपी की ओर रुख कर रहे हैं, क्योंकि यह न केवल कम खर्चीला होता है, बल्कि इसके दुष्प्रभाव की आशंका न के बराबर होती है।

आइए, सबसे पहले यह जान लेते हैं कि फिजियोथेरेपी है क्या?

प्रशिक्षित फिजियोथेरेपिस्ट द्वारा व्यायाम के जरिए शरीर की मांसपेशियों को सही अनुपात में सक्रिय करने की विधा फिजियोथेरेपी कहलाती है। इसे हिंदी में भौतिक चिकित्सा पद्धति कहा जाता है। घंटों लगातार कुर्सी पर वक्त बिताने, गलत मुद्रा में बैठने और व्यायाम या खेल के दौरान अंदरूनी खिंचाव या जख्मों की हीलिंग के लिए फिजियोथेरेपिस्ट की सेवा लेने की सलाह खुद चिकित्सक भी देते हैं।

सबसे पहले यह बताना जरूरी है कि केवल रोगी ही नहीं, बल्कि स्वस्थ्य लोग भी चुस्त-दुरुस्त रहने के लिए फिजियोथेरेपिस्ट की सलाह ले सकते हैं। मौजूदा समय में स्मार्ट और सिंपल हेल्थ सॉल्यूशन के लिए फिजियोथेरेपी काफी लोकप्रिय हुई है। इसकी लोकप्रियता और भरोसे का कारण यह भी है कि बाकी इलाज पद्धतियों से अलग फिजियोथेरेपी उच्च पेशेवर लोग ही करते हैं।

अस्थमा और फ्रैक्चर पीडि़तों के अतिरिक्त गर्भवतियों को भी फिजियोथेरेपी की सलाह दी जाती है। लगभग देश के हर बड़े अस्पताल में फिजियोथेरेपी की जाती है। वहीं, बुजुर्गों, मरीजों और कामकाजी लोगों के लिए घर तक फिजियोथैरेपी की सेवा पहुंचाने का भी चलन बढ़ा है। इसकी खास बात है कि फिजियोथेरेपिस्ट मरीज पर व्यक्तिगत तौर पर ध्यान देता है जो किसी अस्पताल या क्लीनिक में संभव नहीं है। पेशवरों की निगरानी में व्यायाम कार्यक्रमों के चलन ने भी घर पर उपलब्ध होने वाली फिजियोथेरेपी सेवा की लोकप्रियता बढ़ा दी है।

घर पर फिजियोथेरेपी करवाने का चलन बढऩे का सबसे बड़ा कारण समय की कमी है। घर पर पेशेवर फिजियोथेरेपिस्ट मरीज की समस्या के सभी पहलुओं पर नजर डालता है और रोगी को भी उसके हीलर से अधिक समय मिल पाता है। अगर आप चाहते हैं कि आपको फिजियोथेरेपी का लंबे समय तक फायदा मिले तो इसके सभी सत्र पूरे किए जाने जरूरी हैं। फिजियोथेरेपी शुरू करने से पहले उसकी अवधि की जानकारी ले लेनी चाहिए। फिजियोथेरेपिस्ट को भी मरीज की स्थिति केविस्तृत आकलन के बाद ही इसे शुरू करना चाहिए।

अगर आप कामकाजी हैं और नियमित तौर पर अस्पताल नहीं जा सकते तो घर पर ही फिजियोथेरेपिस्ट हायर कर सकते हैं। लेकिन सबसे जरूरी बात है कि आपको इस पद्धति का संपूर्ण लाभ उठाने के लिए पूरी ईमानदारी व भरोसे के साथ खुद को फिजियोथेरेपिस्ट को सौंपना होगा।