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कमरदर्द में कारगर है कटि बस्ति

कमरदर्द से हम सभी कभी न कभी परेशान जरूर होते हैं। उठने-बैठने के गलत पॉश्चर से यह समस्या और भी बढ़ जाती है। ऐसे में आयुर्वेदिक उपचार से…

Apr 10, 2018 / 04:37 am

मुकेश शर्मा

Kati basti

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कमरदर्द से हम सभी कभी न कभी परेशान जरूर होते हैं। उठने-बैठने के गलत पॉश्चर से यह समस्या और भी बढ़ जाती है। ऐसे में आयुर्वेदिक उपचार से रोगी को राहत पहुंचाई जा सकती है ।


प्रमुख कारण

गलत आदतें कमरदर्द का प्रमुख कारण हैं जैसे-कम्प्यूटर के आगे या ऑफिस में लगातार बैठकर काम करना, उठने-बैठने व चलने का गलत तरीका, हड्डियां कमजोर होना, शारीरिक श्रम न करना या ज्यादा करना और अत्यधिक तनाव जैसे कारणों से मांसपेशियों में खिंचाव आ जाता है व नसों की ताकत कम हो जाती है। जब यह प्रक्रिया लगातार चलती है तो कमर के निचले हिस्से में दर्द व पैर सुन्न हो जाते हैं। कई बार दर्द एड़ी तक चला जाता है और स्थिति बिगड़ जाती है। दवाओं से जब आराम नहीं मिलता तो डॉक्टर ऑपरेशन की सलाह देते हैं । कमरदर्द के अधिकतर मामलों में स्लिप ***** इसकी वजह बन जाता है। ऐसे में कटि बस्ति थैरेपी फायदेमंद होती है । साथ ही आयुर्वेदिक औषधियों, योग और नियमित व्यायाम के अभ्यास से रोगी को आराम मिलता है।

 

इसके लाभ

 

जड़ी-बूटियों से बने हुए गर्म तेल एवं औषधियों के गुण कमर की मांसपेशियों के सूक्ष्म ऊत्तकों में समा जाते हैं, जिससे कमर की मांसपेशियों की जकडऩ व सूजन दूर होती है। खून का दौरा बढ़ता है, मांसपेशियों, हड्डियों एवं नसों को पोषण मिलने से इनमें मजबूती आती है और तनाव दूर होकर दर्द में राहत मिलती है । दवाओं से जब आराम नहीं मिलता तो डॉक्टर ऑपरेशन की सलाह देते हैं ।

 

उपचार की विधि

 

पेट के बल लेटे रोगी की पीठ पर उड़द के आटे की बनी हुई पीठी से एक रिंग बना दी जाती है। विशेषज्ञ द्वारा इस रिंग में औषधि युक्तगर्म तेल सहने लायक स्थिति में धीर-धीरे डाला जाता है। एक सिटिंग 40-45 मिनट की होती है व जरूरत के अनुसार 5-7 या ज्यादा सिटिंग विशेषज्ञ की राय से दी जाती हंै।

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