6 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Healthy Teeth: ब्रिज व डेंचर से भी लगते हैं नए दांत

Healthy Teeth: तेजी से बदल रही लाइफस्टाइल और हादसों की वजह से दांत संबंधी तकलीफें बढ़ रही हैं। दांत चेहरे की खूबसूरती के साथ खानपान लिए भी जरूरी हैं...

2 min read
Google source verification
Teeth

Teeth

Healthy Teeth: तेजी से बदल रही लाइफस्टाइल और हादसों की वजह से दांत संबंधी तकलीफें बढ़ रही हैं। दांत चेहरे की खूबसूरती के साथ खानपान लिए भी जरूरी हैं। पर जब इनमें कोई खराबी आ जाती है या टूट जाते हैं दांत बदलवाने के लिए डेंटल इंप्लांट के अलावा ब्रिज या डेंचर तकनीक भी विकल्प हैं।

दूसरे दांत मजबूत तब लगा सकते हैं ब्रिज
दांत के गिरने या खराब होने पर उसके आगे-पीछे के दांत को छोटा कर ब्रिज लगाते हैं। इसके आसपास के दांतों को ग्राइंड कर नए दांत के लिए सपोर्ट तैयार कर ब्रिज दांत लगाते हैं। यह दांत असली जैसे ही काम करते हैं। ब्रिज तकनीक से ऊपर नीचे का दांत भी लग सकता है। ये प्रक्रिया तभी संभव है जब आगे पीछे और ऊपर नीचे के दांत मजबूत हों। ब्रीज से टूटे हुए दांत की विकृति को भी दूर किया जा सकता है।

दांत लगाने से पहले होती ये जांच
दांत लगाने से पहले रोगी की कोन बीन कंप्यूटराइज्ड टोमोग्राफी (सी.एम.सी.टी) जांच करवाते हैं। इससे देखते हैं कि रोगी को जो दांत लगना है उसका आकार यानि लंबाई, चौड़ाई और ऊंचाई का पता करते हैं। दांत लगाने के दौरान किन बातों का ध्यान रखना है जिससे प्रोसीजर के दौरान रोगी को कोई परेशानी न हो इसका पता भी करते हैं। प्रोसीजर से पहले रक्त की सभी जांचें करवाते हैं। हड्डी की स्थिति जानने के लिए एक्स-रे जांच भी कराई जाती है।

इन मरीजों में लगाते हैं डेंचर (बत्तीसी)
तंबाकू, पान मसाला और सिगरेट पीने वालों के दांत एक-एक कर खराब होने लगते हैं। तंबाकू और जर्दे की लत से मसूड़े कमजोर हो जाते हैं, जिससे दांत हिलने लगते हैं। इसके बाद एक-एक कर गिर जाते हैं। सभी दांत एकसाथ गिर गए हैं तो कंप्लीट डेंचर लगवाते हैं। इसमें पूरी बत्तीसी एकसाथ बदल जाती है। खाना खाने के बाद या सोते वक्त निकालना पड़ता है। राजस्थान के सरकारी डेंटल मेडिकल कॉलेज में वरिष्ठ नागरिकों को मुफ्त में डेंचर लगाने की सुविधा है।

ध्यान रखें
आर्टिफिशियल दांत की साफ-सफाई का खास खयाल रखें। रात के समय दांत निकालकर सोएं, जिससे मसूड़ों को पूरा आराम मिल सके।