30 दिसंबर 2025,

मंगलवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

कम उम्र की लड़कियों में होती है पीआईडी की गंभीर समस्या, जानें इसके बारे में

3-10 % शहरी महिलाएं इस रोग से परेशान हैं। 25 वर्ष से कम उम्र में इसके मामले सामने आते हैं।

less than 1 minute read
Google source verification

जयपुर

image

Vikas Gupta

Jul 22, 2019

know-about-pelvic-inflammatory-disease

3-10 % शहरी महिलाएं इस रोग से परेशान हैं। 25 वर्ष से कम उम्र में इसके मामले सामने आते हैं।

पीआईडी क्या है ?

पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज (पीआईडी) मेट्रो शहरों की महिलाओं में इन्फर्टिलिटी का बड़ा कारण बन रही है। 15-24 साल तक की लड़कियां में यह दिक्कत ज्यादा है। इसका असर उनके मां बनने पर पड़ सकता है। यह हार्मोनल डिसऑर्डर है जिसमें रोगी महिला के गर्भाशय, फेलोपियन ट्यूब व प्रजनन से जुड़े अंगों में सूजन आती है। इलाज के अभाव में इन्फर्टिलिटी की आशंका रहती है।

बीमारी के कारण क्या हो सकते हैं ?
यह ज्यादातर असुरक्षित यौन संबंधों के कारण फैलने वाला रोग है जो क्लामायडिया ट्रैकोमाइटिस नाम के बैक्टीरिया से होता है। एक से ज्यादा पार्टनर के साथ संबंध बनाना इसके फैलने की बड़ी वजह है। साफ-सफाई का अभाव, शराब या स्मोकिंग के कारण इम्यून सिस्टम कमजोर होने से यह बैक्टीरिया महिलाओं को निशाना बना सकता है। 25 साल से कम उम्र की लड़कियों में यह तेजी से फैलता है क्योंकि उनकी बच्चेदानी का मुंह इस उम्र तक सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिजीज का सामना करने के लिए तैयार नहीं होता। इससे पीआईडी रोग हो सकता है।

लक्षण किस तरह के होते हैं ?
अचानक वजन बढ़ना व वैजाइनल इरिटेशन प्रमुख पहचान है। माहवारी अनियमित होना, मुंहासे, गंजापन, वाइट डिस्चार्ज के अलावा पेट के निचले हिस्से में दर्द, बुखार या उल्टी होना। कुछ महिलाओं को ये लक्षण महसूस नहीं हो पाते।

इस रोग से कैसे छुटकारा पाएं?
रोग की बड़ी वजह असुरक्षित यौन संबंध है। नई पीढ़ी को इस बात पर जागरूक करने की जरूरत है। ताकि लक्षणों की पहचान कर समय पर इलाज हो सके। दवा व नियमित चेकअप से इलाज संभव।