
जानिए, खून का कौन हिस्सा कब तक प्रयोग हो सकता
Blood Donation: जब कोई व्यक्ति रक्तदान करता है तो रक्त के एक - एक कतरे का प्रयोग करने के लिए ब्लड बैंक स्पेशलिस्ट व पैथोलॉजिस्ट की टीम बैग (450 एमएल) का वजन करती है। इसके बाद ब्लड को लैब में लगी सेंट्रीफ्यूज मशीन में डालते हैं जिससे प्लाज्मा और प्लेटलेट ऊपर की ओर आ जाता है। पैक्ड रेड ब्लड सेल्स (पीआरबीसी) नीचे की तरफ जाता है। किसी व्यक्ति को पूरा ब्लड चढ़ाया जाए तो ब्लड में मौजूद प्लाजमा और प्लेटलेट उसके काम का नहीं होता है।
रक्त में क्या-क्या :
किसी रोगी को हीमोग्लोबिन की कमी है तो पीआरबीसी चढ़ाते हैं। कार्डियक या बर्न रोगी को प्लाज्मा, प्लेटलेट काउंट कम होने पर प्लेटलेट्स चढ़ाए जाते हैं। पीआरबीसी को 42 दिनों तक, प्लेटलेट्स पांच दिन और प्लाज्मा एक साल तक रखे जा सकते हैं।
स्टोरेज टेंपरेचर अलग-अलग :
ब्लड कंपोनेंट पीआरबीसी को 2 से 8 डिग्री तो प्लाज्मा को माइनस 40 डिग्री, प्लेटलेट को 22 डिग्री सेल्सियस पर सुरक्षित रखते हैं। किसी को जरूरत होती है तो इन्हें 37 डिग्री सेल्सियस तापमान पर सामान्य करके दिया जाता है।
इसलिए कम करते ल्यूकोसाइट्स ब्लड कंपोनेंट को सेंट्रीफ्यूूज करते समय उसमें से ल्यूकोसाइट्स को कम कर देते हैं, जिससे मरीज को ब्लड चढ़ाते वक्त होने वाले रिएक्शन का कम किया जा सके।
Published on:
31 Oct 2019 03:10 pm
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