एक्सपर्ट कमेंट : ईईजी (इलेक्ट्रो एंड सेफ्लो ग्राम) जांच से तरंगों के प्रति मिली सेकंड प्रवाह पर दिमाग की सक्रियता निर्भर करती है। इसीलिए म्यूजिक से सुकून तो शोर से सक्रियता बढ़ती है और जिस ओर झगड़ा हो रहा होता है हमारा दिमाग उस चला जाता है।
जयपुरPublished: Dec 19, 2019 03:33:58 pm
विकास गुप्ता
शोधकर्ताओं ने कहा कि पहली बार सामने आया कि कुछ मिलीसेकंड में ही हमारा दिमाग गुस्से वाली आवाजों की उपस्थिति के प्रति संवेदनशील हो जाता है।
Know why our mind goes towards anger
नेवा (स्विटजरलैंड) के विश्वविद्यालय यूएनआईजीई के शोध मेें पाया गया कि जब हम खतरा भांपते हैं तो हमारा दिमाग कैसे सक्रिय होता है। दृष्टि और श्रवण दो इंद्रियां हैं जो मनुष्य को खतरनाक परिस्थितियों का पता लगाने की अनुमति देती हैं। श्रवण के दौरान खतरों को लेकर मस्तिष्क की प्रतिक्रिया की जांच के लिए, शोधकर्ताओं ने 22 लघु मानव ध्वनियां (600 मिली. सेकंड) जो तटस्थ उच्चारण थे या क्रोध, खुशी व्यक्त करते थे। इन ध्वनियों को 35 प्रतिभागियों के सामने प्रस्तुत किया। इलेक्ट्रोएन्सेफेलोग्राम (ईईजी) ने मस्तिष्क में मिलीसेकंड तक विद्युत गतिविधि को मापा। शोधकर्ताओं ने कहा कि पहली बार सामने आया कि कुछ मिलीसेकंड में ही हमारा दिमाग गुस्से वाली आवाजों की उपस्थिति के प्रति संवेदनशील हो जाता है।
एक्सपर्ट कमेंट : ईईजी (इलेक्ट्रो एंड सेफ्लो ग्राम) जांच से तरंगों के प्रति मिली सेकंड प्रवाह पर दिमाग की सक्रियता निर्भर करती है। इसीलिए म्यूजिक से सुकून तो शोर से सक्रियता बढ़ती है और जिस ओर झगड़ा हो रहा होता है हमारा दिमाग उस चला जाता है।