scriptदिल की पम्पिंग में मदद करती एलवीएडी,गजब की है ये तकनीक | LVAD helps in heart pumping | Patrika News

दिल की पम्पिंग में मदद करती एलवीएडी,गजब की है ये तकनीक

locationजयपुरPublished: Sep 14, 2018 06:27:52 am

दिल के अधिकांश रोगों का उपचार ठीक से न होने पर हार्ट अटैक आ सकता है जिसके लिए अब तक सिर्फ प्रत्यारोपण ही एकमात्र इलाज था।

दिल की पम्पिंग में मदद करती एलवीएडी,गजब की है ये तकनीक

दिल की पम्पिंग में मदद करती एलवीएडी,गजब की है ये तकनीक

दिल के अधिकांश रोगों का उपचार ठीक से न होने पर हार्ट अटैक आ सकता है जिसके लिए अब तक सिर्फ प्रत्यारोपण ही एकमात्र इलाज था। दुनियाभर में हर साल लगभग 3,500 हृदय प्रत्यारोपण किए जाते हैं। लेकिन अब आधुनिक तकनीक से मिनिएचर पंप डिवाइस, एलवीएडी (लेफ्ट वेंट्रिक्यूलर असिस्ट डिवाइस) को लगाना संभव हो गया है। यह खराब हुए दिल के साथ काम कर मरीज को प्रत्यारोपण किए जाने तक सपोर्ट करती है।

ऐसे काम करती है?
एलवीएडी में आंतरिक और बाहरी दो हिस्से होते हैं। वास्तविक पंप दिल की बाईं तरफ की वेंट्रिकल पर लगा रहता है जिसमें लगी नलिका एऑर्टा धमनी में रक्त प्रवाहित करती है। ड्राइवलाइन नामक केबल, पंप से निकलकर बाहरी त्वचा तक जाती है और शरीर के बाहर पहने गए कंट्रोलर और ऊर्जा के स्रोत द्वारा पंप से जुड़ती है। पंप के सही काम करने के लिए ड्राइवलाइन का कंट्रोलर से और कंट्रोलर का ऊर्जा स्रोत से जुड़ा रहना जरूरी है। पंप को बैट्री या बिजली से शक्ति प्राप्त होती है।

जरूरत कब अधिक
एलवीएडी उन मरीजों के लिए ठीक है जिनका दिल काम करने योग्य नहीं रहता और किसी कारणवश वे दिल का प्रत्यारोपण नहीं करा सकते हैं। साथ ही दिल की समस्या अस्थायी होने पर भी फिजिशियन इसे लगवाने की सलाह देते हैं ताकि मरीज का दिल धीरे-धीरे ठीक होकर खुद ही दोबारा रक्त पंप करना प्रारंभ कर दे। इसके अलावा मरीज को डोनर दिल प्रत्यारोपित किए जाने के दौरान एलवीएडी अस्थायी रूप से लगाया जाता है। इस बीच यह बीमार दिल में रक्त का प्रवाह बनाए रखता है। नया दिल प्रत्यारोपित होने के बाद इसे हटा दिया जाता है।

एलवीएडी क्या है?
एलवीएडी सर्जरी द्वारा लगाया गया मैकेनिकल पंप है जो दिल से जुड़ा रहता है। एलवीएडी कृत्रिम हृदय से अलग होता है। कृत्रिम हृदय खराब होते दिल को पूरी तरह से रिप्लेस कर देता है जबकि एलवीएडी दिल के साथ काम करके दिल को कम मेहनत से अधिक रक्त पंप करने में मदद करता है। इसके लिए यह बाईं तरफ की वेंट्रिकल से निरंतर रक्त लेता है और इसे एऑर्टा (शरीर की मुख्य रक्तवाहिका) में भेजता है जो पूरे शरीर में ऑक्सीजनयुक्त रक्त का संचार करती है।

ट्रेंडिंग वीडियो