– रात का खाना जल्द खाएं : निद्रा विशेषज्ञ और मेडिकल अनुसंधानकर्ता अक्सर जोर देते हैं कि रात का खाना बिस्तर पर जाने से 1.5 या दो घंटे पहले हो जाना चाहिए, अन्यथा अपच हो सकती है जो अनिद्रा का मुख्य कारण है।
– अपना बिस्तर बदलें : असुविधाजनक गद्दा आपकी नींद बरबाद कर सकता है, आपको रात भर उठने और करवट बदलने के लिए मजबूर कर सकता है। इससे मासपेशियों में तनाव, नसदबना, बदन दर्द और शारीरिक बनावट को दीर्घकालिक क्षति पहुंच सकती है। गद्दों की संरचनात्मक बनावट विकसित करने के लिए गद्दा निर्माताओं के साथ बहुत शोध किया जा चुका है।
सोने का स्थान : आपको यह सुनिश्चित करना होगा कि आपके सोने वाले स्थान (बिस्तर) पर काम से जुड़ीं वस्तुएं, मोबाइल या अन्य मनोरंजनकारी वस्तुएं न हों। किसी विशेष स्थान को
‘आराम क्षेत्र’ के रूप में सुनिश्चित कर उस स्थान पर ऐसी वस्तुएं रखें, जो आपको आरामदायक नींद में सहायक बनें। इसके लिए खुशबूदार मोमबत्तियां, ध्यान एकाग्र करने वाला संगीत, निरंतर होने वाली आवाजें जैसे बारिश की बूंदे आपके दिमाग को जरूरी शांति प्रदान करेंगी, जिससे आपको आरामदायक नींद मिल सकेगी।
– किसी पेशेवर से सलाह लें : जब हम अपने कार्यस्थल पर पूरे समय व्यस्त रहते हैं, इसके बाद हम जब अकेले होते हैं तो चिंता और घबराहट के कारण हमें नींद नहीं आती है। जब अनिंद्रा और बेचैनी एक साथ हो, इनमें अंतर करना बहुत मुश्किल हो जाता है। जरूरी है कि हम अपनी चिंताओं, फिक्र और आशंकाओं के बारे में समय रहते किसी से बात करें जो इन सबसे लडऩे में हमारी मदद करे, जिससे ये आइसोम्निया का रूप न ले लें।
शारीरिक परिश्रम : थके हुए शरीर को आराम की जरूरत होती है। प्रतिदिन कम से कम एक घंटा कठिन परिश्रम तथा कार्यस्थल पर टहलना, और हाथों का हल्का परिश्रम सुनिश्चित करें।