scriptDepression: लम्बे समय तक बैठे रहने से भी बढ़ता है तनाव | Prolonged sitting cause of depression in adolescents | Patrika News

Depression: लम्बे समय तक बैठे रहने से भी बढ़ता है तनाव

locationजयपुरPublished: Feb 12, 2020 05:12:59 pm

Depression: आज के भागदौड़ भरे जीवन में अवसाद के कई कारण हो सकते हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि लम्बे समय तक बैठे रहना भी आपको अवसादग्रस्त कर सकता है

Prolonged sitting cause of depression in adolescents

Depression: लम्बे समय तक बैठे रहने से भी बढ़ता है तनाव

Depression In Hindi: आज के भागदौड़ भरे जीवन में अवसाद के कई कारण हो सकते हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि लम्बे समय तक बैठे रहना भी आपको अवसादग्रस्त कर सकता है। जी हां, जर्नल लैंसेट साइकेट्री में प्रकाशित अध्ययन में पाया गया कि 12 साल की उम्र में प्रतिदिन 60 मिनट की अतिरिक्त गतिविधि (जैसे चलना या काम करना) 18 वर्ष की अवसादग्रस्तता के लक्षणों में 10 प्रतिशत की कमी के साथ जुड़ी थी।
यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन, ब्रिटेन में कार्यरत प्रमुख लेखक आरोन कंडोला ने कहा कि हमारे निष्कर्ष बताते हैं कि युवा लोग जो किशोरावस्था में दिन के बड़े अनुपात के लिए निष्क्रिय होते हैं, वे 18 साल की उम्र तक अवसाद का अधिक जोखिम उठाते हैं।
कंदोला ने कहा, “हमने पाया कि किसी भी तरह की शारीरिक गतिविधि जो हमारे बैठने के समय को कम कर सकती है, हमारे लिए फायदेमंद होती है।

निष्कर्षों के लिए, शोध दल ने 4,257 किशोरों के डेटा का इस्तेमाल किया था। अपने शरीर के मूवमेंट को ट्रैक करने के लिए बच्चों ने 12, 14 और 16 साल की उम्र में तीन दिनों तक कम से कम 10 घंटे के लिए एक्सेलेरोमीटर पहना था।
एक्सेलेरोमीटर से बच्चों की हल्की गतिविधि (जिसमें चलना या उपकरण से खेलना या पेंटिंग बनाना ), एक मध्यम शारीरिक गतिविधि (जैसे दौड़ना या साइकिल चलाना) और गतिहीन स्थिति का पता लगाया जाता था।

शोधकर्ताओं ने पाया कि 12, 14 और 16 वर्ष की उम्र में प्रतिदिन 60 मिनट के लिए प्रत्येक अतिरिक्त गतिहीन व्यवहार 18 वर्ष की आयु में क्रमशः 11.1 प्रतिशत, 08 प्रतिशत या 10.5 प्रतिशत के अवसादग्रस्तता स्कोर में वृद्धि के साथ जुड़ा हुआ था।
अध्ययन में कहा गया है कि तीनों उम्र में गतिहीन रहने वालों व्यस्कों में 18 वर्ष की आयु में अवसाद का स्तर 28.2 प्रतिशत अधिक होता है।

12, 14 और 16 वर्ष की आयु में प्रति दिन हल्की फिजिकल एक्टिविटी का औसत 18 वर्ष की उम्र में अवसाद के स्कोर से जुड़ा था, जो क्रमशः 9.6 प्रतिशत, 7.8 प्रतिशत और 11.1 प्रतिशत कम था।
वरिष्ठ लेखक जोसेफ हेस ने कहा, “हल्की गतिविधि विशेष रूप से उपयोगी हो सकती है क्योंकि इसमें बहुत प्रयास की आवश्यकता नहीं होती है और अधिकांश युवा लोगों के दैनिक दिनचर्या में फिट होना आसान है।”
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