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कान खींचने का मतलब सजा देने से ही नहीं होता बल्कि यह विभिन्न बीमारियों के उपचार की पद्धति भी मानी जाती है। ‘ईयर रिफ्लेक्सोलॉजी’ या ‘ऑरिकुलोथेरैपी’ एक्यूप्रेशर से उपचार की एक ऐसी तकनीक है जिसमें अंगुलियों और अंगूठे की सहायता से कान के सैकड़ों बिंदुओं पर दबाव डालकर सेहत में सुधार लाया जा सकता है।
30 सेकंड में इलाज
ईयर रिफ्लेक्सोलॉजी विशेषज्ञ चीनी मूल के डॉ. ली चुन हुआंग कहते हैं कि इंसान के कान गर्भ में पल रहे एक शिशु की स्थिति जैसे होते हैं। कान की संरचना ऐसी है जैसे एक गर्भस्थ शिशु का सिर नीचे की ओर, मध्य भाग मुड़ी स्थिति में और पैर ऊपर की ओर होते हैं।
ऐसे में कान में मौजूद रिफ्लेक्स बिंदु शरीर के विभिन्न अंगों के प्रतिनिधि माने जाते हैं जिन पर 30 सेकंड से लेकर कई मिनटों तक दबाव दिया जाता है। दबाव उंगली, अंगूठे, किसी धातु या लकड़ी के उपकरण, एक छोटे से बीज या पतली लिथियम पट्टी से दिया जाता है।
अस्थमा व पेट-दर्द में उपयोगी
ईयर रिफ्लेक्सोलॉजी का उपयोग अस्थमा व पेट से जुड़ी अधिकांश बीमारियों के इलाज के लिए किया जाता है। कान के बीच वाले भाग में पेट संबंधी बीमारियों से जुड़े बिंदु होते हैं। नीचे वाले भाग में दिमाग संबंधी व ऊपरी हिस्से में पांव, घुटनों आदि के रोगों संबंधी पॉइंट होते हैं। कान के बीच वाले भाग को बाहर की ओर खींचने से नाभि की स्थिति में सुधार होता है जिससे पेट संबंधी अधिकांश रोगों को ठीक करने में मदद मिलती है।
ताजा अध्ययन के मुताबिक कान की संरचना गर्भस्थ शिशु के समान होने के कारण इस पर करीब 300 एक्यूप्रेशर पॉइंट होते हैं।यदि आप 7 या उससे ज्यादा सवालों से सहमत हैं तो आपकी पसंद पर दूसरों की नकल करना भारी है। आप अपने से ज्यादा दूसरों की पसंद को अपनाते हैं। ऐसा करना आपकी सेहत पर भारी पड़ सकता है।
Published on:
17 Jan 2018 04:37 am
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