
Ankylosing Spondylitis
इस समय की आधुनिक जीवनशैली में कुछ बीमारियां ऐसी हैं जो लंबे समय तक एक पॉजीशन में बैठने के कारण होती हैं। इसमें कमर एवं गर्दन का दर्द प्रमुख है। इसका मुख्य कारण होता है ‘स्पॉन्डिलाइटिस’। सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस से गर्दन और रीढ़ की हड्डी ज्यादा प्रभावित होती है। स्पॉन्डिलाइटिस एक प्रकार की सूजन है, जो हमारी रीढ़ के जोड़ों में होती है। रीढ़ कई जटिल जोड़ों से बनी होती है। यदि किसी भी जोड़ में सूजन आ जाए तो हमें दर्द होने लगता है, जिसे स्पॉन्डिलाइटिस कहते हैं। ऐसा ही एक खास जोड़ है 'इंटरवर्टेब्रल डिस्क' जिसमें एक मुलायम जैल होता है। यह 'शॉक एब्जॉर्बर' का काम करता है और झटके लगने पर रीढ़ को नुकसान होने से बचाता है। लेकिन कई बार जब यह जैल कम हो जाता है तो जोड़ों में अकड़न और दर्द होने लगता है। बढ़ती उम्र, बैठने का गलत तरीका, व्यायाम न करना, खराब जीवनशैली, मोटापा, धूम्रपान, शराब का सेवन, अनियंत्रित डायबिटीज, थायरॉइड, बढ़ा हुआ यूरिक एसिड और कोलेस्ट्रॉल, स्पॉन्डिलाइटिस के प्रमुख कारण हैं। जिसमें पीठ और गर्दन में तेज दर्द होता है।
ध्यान रखें -
कुछ बातों का ध्यान रखकर हम स्वयं को इस बीमारी से बचा सकते हैं जैसे कि सही ढंग से बैठना, नियमित व्यायाम और सेहतमंद भोजन करना। सर्दी में गर्म कपड़े पहनना और दर्द वाले हिस्सों पर सिकाई करना भी लाभदायक होता है। जीवनशैली, शुगर, यूरिक एसिड व कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित रखकर स्पॉन्डिलाइटिस से बचा जा सकता है।
इलाज से राहत -
स्पॉन्डिलाइटिस के इलाज में अल्ट्रासोनिक मसाज, शॉर्ट वेव व मीडियम वेव डायाथर्मी, इंटरफेरेंशिअल थैरेपी, एक्यूपंचर व एक्यूप्रेशर, व्यायाम आदि के साथ दवाओं से मरीज का इलाज किया जाता है। इससे कम हो चुके जैल को बढ़ाया जाता है। जो मरीज सिहरन या सुन्नता से पीड़ित हों, उनका ऑपरेशन के बिना भी अन्य तरीकों से इलाज किया जा सकता है।
सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस का दर्द जिस जगह पर हो रहा हो वहां गर्म पानी के बैग या बर्फ के टुकड़ों से सिकाई करना भी एक अच्छा ऑप्शन है। इससे जल्द ही राहत मिलती है, लेकिन यह लगातार करना होता है। सर्जरी की सलाह तब ही दी जाती है जब इसके दर्द से ब्रेन मस्तिष्क की नसें डैमेज होने लगे और किसी प्रकार के इलाज से आराम न हो।
ऑपेरशन होने पर -
यदि मरीज का ऑपरेशन करना भी पड़े (फै्रक्चर आदि होने पर) तो यह कम से कम चीरा लगाए, एंडोस्कोपिक व खास सूक्ष्म औजारों से किया जा सकता है। यह 'की होल' ऑपरेशन कम आयु के लोगों व बुजुर्गों के लिए सुरक्षित होता है।
Published on:
25 Feb 2020 08:45 pm
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