
यदि दवाओं से बचना चाहते हैं तो लाइफ स्टाइल में बदलाव करें।
ब्लड प्रेशर को साइलेंट किलर माना जाता है। अधिकांश लोगों को बहुत देर से पता चलता है कि वे इस समस्या से जूझ रहे हैं। ऐसी स्थिति में यदि दवाओं से बचना चाहते हैं तो लाइफ स्टाइल में बदलाव करें।
सांस से मिलेगा आराम : कुछ लोगों का बीपी शाम की तुलना में सुबह ज्यादा होता है। इसका कारण है रात में कम ऑक्सीजन की प्राप्ति। बीपी नियंत्रित रखने में ऑक्सीजन अहम भूमिका निभाती है। इसके लिए दिन में 10 से 15 बार पेट से गहरी सांस लें। फिजिशियन के मुताबिक गहरी सांस लेने से शरीर में ऑक्सीजन व रक्त का संचार सुचारू रहता है। साथ ही इससे मानसिक रूप से शांति मिलती है, गुस्सा भी कम आता है।
खानपान करें नियंत्रित -
खानपान से भी बीपी बढ़ता है इसलिए फैटी डाइट व अधिक नमक से परहेज करें। विशेषज्ञ मानते हैं कि सामान्य व्यक्तिको दिनभर में 5-6 ग्राम नमक खाना चाहिए। इसके अलावा सलाद खूब खाएं। इससे पेट भरा रहेगा व वजन नियंत्रित होगा।
योग से फायदा -
दिल के मामले में योग भी बेहतरीन विकल्प हो सकता है। कई शोध में साबित हो चुका है कि रोजाना योग करने से हृदय संबंधी रोगों के अलावा अन्य गंभीर बीमारियों से भी राहत मिलती है।
नियमित करें व्यायाम : वजन ब्लडप्रेशर का मुख्य कारण है। सामान्य वजन से 4-5 किलो अधिक वजन ब्लडप्रेशर को करीब 4 एमएम-एचजी तक बढ़ा देता है। मार्निंग वॉक, जॉगिंग, जिमिंग व एरोबिक्स एनर्जी लेवल बढ़ाती हैं। इससे कैलोरी बर्न होगी और हार्ट की ब्लड पम्पिंग क्षमता बढ़ेगी। डांस से भी वजन घटता है।
नींद से बीपी कंट्रोल : अनिद्रा भी इसका एक कारण है। देर रात की पार्टियां ज्यादातर अनिद्रा की वजह बनती हैं जो हार्ट के लिए ठीक नहीं है। 7 से 8 घंटे रोजाना गहरी नींद सोना चाहिए। अच्छी नींद हार्ट के अलावा कई अन्य बीमारियों से बचाव करती है।
Published on:
07 Apr 2019 09:07 am
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