– कपड़ों को कीड़ों से बचाने के लिए हम मोथबॉल्स डालते हैं, जिसमें नैफ्थेलीन होता है। मोथबॉल्स में रखे कपड़े पहनने पर स्किन में एलर्जी और फेफड़ों में समस्या हो सकती है। प्राकृतिक विकल्प अपनाएं। कपड़ों के बीच सूखी नीम की पत्तियां या देवदार की लकड़ियाें के गुटके रखें।
– घर में इस्तेमाल किए जाने वाले साबुन और क्लींजर्स मांसपेशियों पर बुरा असर डाल सकते हैं। इनमें मौजूद ट्रिकलोजन खतरनाक होता है, तो क्यों न इन्हें घर पर ही बना लिया जाए? इसके लिए आपको एक चम्मच चंदन का पाउडर, गुलाब की ताजा पत्तियां, एक चम्मच शहद, बादाम का तेल, संतरे का दो बूंद रस, एक बूंद चमेली का तेल, जरा-सा दूध और फुलर्स अर्थ (यह बिना किसी केमिकल के किसी तेल या लिक्विड को रंगविहीन कर देता है) लेकर मिलाएं और एसेंशियल ऑइल डालें। ये बेहतरीन साबुन और क्लींजर की तरह काम करेगा।
– विशेषज्ञों का मानना है कि एक बार इस्तेमाल किए जाने योग्य सैनिटरी पैड्स में 90 प्रतिशत नॉन-बायोग्रिडेबल प्लास्टिक होती है। यह हमारी प्रतिरोधक-क्षमता को कमजोर करती है और हमारे हार्मोंस को बिगाड़ती है। कपड़े के बने पैड 100 प्रतिशत बायोग्रिडेबल होते हैं, जो ऑर्गेनिक कॉटन के हों। इन्हें धोकर फिर से प्रयोग किया जा सकता है। ये स्किन-फ्रेंडली और ज्यादा देर तक टिकने वाले होते हैं।
– फर्नीचर या स्लैब को साफ करने वाले सर्फेस क्लीनर केमिकल्स से भरे होते हैं। विनेगर, नींबू का रस और बेकिंग सोडे को मिलाकर होममेड क्लीनर तैयार किया जा सकता है। – एअर फे्रशनर्स प्रजनन और जन्म संबंधी दिक्कतें पैदा कर सकते हैं। खुद ही रूम-फ्रेशनर बना लें। इसके लिए एसेंशियल ऑइल (लैवेंडर, लेमन, ऑरेंज या मिंट) की 8-10 बूंदें एक कप पानी में डाल कर स्प्रे बोतल में भर लें।