
Warm water is beneficial in sore throat, urin and hunger problems
आयुर्वेद में गुनगुने यानी उष्ण जल को अमृत बताया गया है। लेकिन युवा पीढ़ी सर्दी के मौसम में भी फ्रिज के पानी की आदी है। यह जठराग्नि एवं धात्त्व अग्नि के साथ शरीर की पाचन क्षमता को मंद कर देता है। गुनगुने पानी को रोग नाशक बताया गया है। जानते हैं इसके लाभ के बारे में-
गुनगुना पानी भूख बढ़ाने वाले रसों की प्रक्रिया (जठराग्नि) में तेजी लाता है। इससे भोजन को पचने में मदद मिलती है। अपच, गैस, कब्ज एवं पेट दर्द के साथ श्वसन संबंधी परेशानी में भी आराम मिलता है। अंदर जमा कफ निकलता है। गुनगुना पानी सर्दी, जुकाम, खांसी, सांस की तकलीफ में भी कारगर माना गया है। एक गिलास गुनगुने जल में आधा चम्मच नमक डाल गरारे करने से खराश दूर होती है।
यूरिन : जिन्हें रुक-रुककर यूरिन आता है उन्हें गुनगुने पानी से राहत मिल सकती है। पथरी,यूरिन इंफेक्शन में भी लाभकारी है। शरीर से विषैले तत्त्व निकलते हैं।
वजन : सामान्यत गुनगुना पानी पीना चाहिए। अतिरिक्त चर्बी पेट पर जमा नहीं हो पाती है। वजन नियंत्रित करने में मदद करता है। गुनगुना पानी विटामिन्स, प्रोटीन्स, कार्बोहाइड्रेट्स एवं मिनरल्स को अंत:स्त्रावी ग्रंथियों व हर कोशिकाओं में पहुंचाकर मेटाबोलिज्म को ठीक रखता है।
सावधानी : गुनगुने जल का प्रयोग सर्दी, बारिश में करना चाहिए। रक्त संबंधी रोगी (त्वचा पर फोड़ा-फुंसी और चकत्ते हैं), चक्कर आना, शरीर में जलन, थकावट, नाक से खून आना, पित्त संबंधी परेशानी है तो उन्हें गुनगुने पानी का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
Published on:
23 Dec 2019 01:41 pm
बड़ी खबरें
View Allबॉडी एंड सॉल
स्वास्थ्य
ट्रेंडिंग
लाइफस्टाइल
