
water effects on human body
लंबे समय तक एक से बने रहने वाले मौसम को बहुत उबाऊ, निराशाजनक और अनेक शारीरिक व्याधियों का कारण समझा जाता है। मौसम में होने वाले अचानक परिवर्तन भी अनेक 'गड़बड़ियां' उत्पन्न करते हैं। इन परिस्थितियों में मनुष्य की सामान्य मानसिक दक्षता कम होने लगती है। वे कोई कठिन मानसिक कार्य नहीं कर पाते। साथ ही उनमें निरर्थकता की भावना घर करने लगती है। इन परिस्थितियों में बच्चे जिद्दी हो जाते हैं और वयस्क झगड़ालू। ऐसे समय पति-पत्नी की तकरारें भी बढ़ जाती हैं, पर जैसे-जैसे वायु दाब बढ़ने लगता है, हवा ठंडी होने लगती है और उसमें नमी की मात्रा घटने लगती है लोगों की मानसिक स्थिति में सुधार होने लगता है।
सूखे मौसम में स्कूल में बच्चों को अनुशासन में रखने के लिए नम मौसम की तुलना में पांच गुना अधिक प्रयास करना पड़ता है। नम मौसम में बच्चे अधिक आज्ञाकारी, विनम्र रहते हैं। वायुमंडल में नमी की कमी होने के साथ-साथ उनमें अनुशासनहीनता बढ़ने लगती है। बाकी मौसमों की तुलना में लोग सर्दियों में गंभीर विषयों की पुस्तकें अधिक पढ़ते हैं।
Published on:
18 Jan 2020 06:40 pm
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