इन्हें किया गया गिरफ्तार
गिरफ्तार नक्सलियों में बैजनाथ गंझू, कुंवर गंझू,राजेष गंझू, सुनील गंझू, फगुना गंझू, संजय गंझू और नरेष गंझू शामिल है। इनके पास से 50 हजार नकद के अलावा लुकईया घटना में पुलिस से लूटा गया 40 कारतूस, मृत पुलिसकर्मियों का खून लगा कपड़ा, आधार कार्ड-3, एटीएम-1,पासबुक-1, घटना में प्रयुक्त 3 मोटरसाईकिल, पांच मोबाइल सेट और एक हस्तलिखित पत्र बरामद किया गया है।
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि 5 जनवरी को यह सूचना मिली थी की माओवादी सबजोनल कमांडर रवींद्र गंझू अपने तीन सहयोगी एक मोटरसाईकिल से चंदवा के किसी ठेकेदार से लेवी की रकम वसूलने आया है। सूचना पर छापेमारी दल का गठन किया गया और छानबीन शुरू की गई, तो नक्सली भागने लगे। पुलिस ने उन्हें पकड़ लिया।
यह थे शामिल
गिरफ्तार नक्सलियों ने पूछताछ में बताया कि 22 नवंबर को लुकईया मोड़ के निकट पुलिसकर्मियों की घटना में वे सभी शामिल थे। उन्होंने बताया कि इस घटना को रवींद्र गंझू के दस्ते के साथ छोटू खेरवार, मनीष, बलराम, विमल, मृत्युंजय, नवीन, अमन, चंदन, नीरज, प्रदीप, बुधेश्वर, मुनेश्वर, सुदर्शन, नंदकिशोर, मनोहर, संदीपन, राजू, नागेंद्र, नेशनल जी कारू, सोनू कोरवा, सुखदेव बृजिया, सौरभ, चंद्रभान, दिनेश नगेशिया और कमलेश आदि सम्मिलित थे।
यूं दिया घटना को अंजाम…
दस्ते के तीन आदमी कुटनीनिक रूप से छिपकर पुलिस की गतिविधि पर नजर रखे हुए थे और सभी हथियार छिपाकर कर घात लगाकर बैठे थे। इसी दौरान रात आठ बजे जैसे ही पुलिस की पीसीआर वैन लुकईया मोड़ पर आकर रूकी और उसमें से एक पुलिसकर्मी नीचे उतरा, तभी घात लगाए उग्रवादियों द्धारा पुलिस वाहन पर लक्ष्य कर अंधाधुंध फायरिंग की गई, जिसमें सहायक अवर निरीक्षक और तीन होम गॉर्ड जवानों की मौत हो गई।