रहमान ने तब कहा था, ‘कभी-कभी, मैं देखता हूं कि हमारी फिल्में ऑस्कर तक जाती हैं… लेकिन उन्हें अवार्ड नहीं मिलता । ऑस्कर के लिए रांग च्वाइस फिल्में भेजी जा रही हैं । यहां क्या हो रहा है यह देखने के लिए मुझे पश्चिमी देशों की तरह सोचना होगा । मुझे यह देखना होगा कि वे क्या कर रहे हैं।’
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इसके बाद उनसे पूछा गया कि उन्होंने ट्रेडीशनल रिकार्डिंग को किस तरह बदला, इस पर रहमान ने कहा कि यह टेक्नालॉजी की वजह से मुमकिन हुआ है। पहले कई सारे म्यूजिशियन और पूरे ऑर्केस्ट्रा के साथ काम करना होता है।उस दौर में आर्केस्ट्रा महंगा होता जा रहा था, सारे म्यूजिक इंस्ट्रयुमेंटस छोटे हो जा रहे था । वहीं वे एक जिंगल बैकग्राउंड से आए थे, इस वजह से उनके पास ज्यादा ऑप्शन होते थे।रहमान ने कहा कि वे उस दौर में थे, जहां तेजी से चेंजेस हो रहे थे। इस दौरान में हमने नए प्रयोग किए, कई बार असफल हुए। लेकिन ये मेरे अपने स्टूडियो में हो रहा था । हम लगातार काम करते रहे, होम स्टूडियो होने की वजह से मुझे पूरी आजादी मिली ।
फिल्म आरआरआर से राम चरण और एनटीआर जूनियर पर फिल्माया गया गाना नाटू नाटू ने भारत को फिर से गौरवान्वित किया। इसने 95वें अकादमी पुरस्कार में सर्वश्रेष्ठ मूल गीत का ऑस्कर जीता। लेडी गागा, डायने वॉरेन और रिहाना जैसे नामों को पीछे छोड़ते हुए, नाटू नाटू ने इतिहास रच दिया। नाटू नाटू इस साल पहले ही गोल्डन ग्लोब और क्रिटिक्स च्वाइस अवार्ड जीत चुका है।