सन् २००१ में मुंबई लौटने के दौरान नासिक के करीब सुनील दत्त का विमान हादसे की चपेट में आ गया था। इस हादसे में सुनील दत्त के कंधे और पैर चोटिल हो गए थे। लेकिन किस्मत से सुनील दत्त को कुछ भी नहीं हुआ और वह बाल- बाल बच गए थे।
सुनील को अपने शांति के प्रयासों के लिए भी जाना जाता हैं। उन्होंने १९८७ को दौरान महाशांति पदयात्रा का आयोजन किया था। इस दौरान उन्होंने ७८ दिनों में अपनी बेटी प्रिया और ८० अन्या लोगों के साथ करीब २००० किलोमीटर की यात्रा तय की थी। यह पदयात्रा में पंजाब में खलिस्तान आंदोलन के कारण उपजे हालात को शांत करने के लिए किया गया था।
१९९४ के मुंबई बम बलास्ट में लिया स्टैंड
सुनील दत्त ने ना सिर्फ पंजाब बल्कि मुंबई में भी शांति स्थापित करने का प्रयास किया था। बाबरी मस्जिद विध्वंश और मुंबई बम ब्लॉस्ट के बाद सुनील दत्त अकेले ऐसे राजनेता थे जो हिदूं और मुस्लिम दोनों के ही घर गए थे। इस दौरान उन्हें जान से मारने के भी काफी धमकियां दी गई लेकिन वह लोगों की मदद करने से पीछे नहीं हटे।
बेस्ट सर्विसेज में की नौकरी
मुंबई लौटने के बाद सुनील दत्त ने हिंदू कॉलेज से जुड़े और मुंबई बेस्ट बेस्ट ट्रासपोर्ट डिवीजन में काम करने लगे। वहां पर वो क्लर्क के तौर पर काम करते थे और करीब १०० रुपए मेहनताना पाते थे।
नरगिस से उनका इंटरव्यू
सुनील दत्त मुंबई के जय हिंदू कॉलेज से पढ़े हैं। अपने कॉलेज फेयरवेल के दौरान उन्हें एंकर कार्यक्रम की एंकर की जिम्मेदारी निभानी थी। कार्यक्रम के दौरान उनकी बोलने की स्टाइल और प्रेजटेंशन स्किल से प्रभावित होकर उन्हें Director DJ Keymer ने रेडियो जॉकी की जॉब भी ऑफर कर दी थी। रेडियो में उन्हें अपना शो भी मिल गया था जहां वो बॉलीवु़ड सितारो के साक्षात्कार लिया करतेे थे। इसी दौरान उन्हें नरगिस का इंटरव्यू भी लेना था। लेकिन नरगिस को देखते ही वो उनकी खूबसूरती पर ऐसे फिदा हुए की वह एक शब्द भी नहीं बोल पाए और वो साक्षात्कार कैंसल कर दिया गया। उसके बाद फिल्मों में डेब्यू करने के बाद सुनील दत्त ने नरगिस के साथ काम भी किया और फिर उन्हीं से उनकी शादी भी हो गई।