पाकिस्तान के खुर्द में जन्में बॉलीवुड के महान फिल्मकार और अभिनेता सुनील दत्त ने बॉलीवुड को एक से बढ़कर एक फिल्में दी। सिनेमा जगत में सुपरस्टार के रूप में विख्यात सुनील दत्त की असल जिंदगी किसी फिल्म की कहानी जैसी ही रही। दिवंगत अभिनेता सुनील दत्त का नाम बॉलीवुड से लेकर राजनीतिक गलियांरों तक रहा। सुनील दत्त ने फिल्म ‘रेलवे प्लेटफार्म’ से अपने करियर की शुरुआत की थी। हालांकि उनकी यह फिल्म कुछ खास कमाल नहीं कर पाई। इसके बाद उन्हें फिल्म ‘मदर इंडिया’ से सफलता हासिल हुई।
1957 में रिलीज हुई फिल्म मदर इंडिया में सुनील दत्त अपनी पत्नी नरगिस दत्त के साथ नजर आए थे। इसी फिल्म में काम करने के दौरान इनका प्यार परवान चढ़ा था और फिर साल 1958 में इन्होंने शादी रचा ली थी। अभिनेता आजादी के बाद भारत आ गए थे। और फिर आजादी के 50 सालों के बाद वह अपने गांव वापस गए थे। लोगों ने उनका वहां बहुत ही भव्य अंदाज में स्वागत किया। इतना ही नहीं, गांव वाले सुनील दत्त से वहां दोबारा बसने के लिए भी कहने लगे थे।
सुनील दत्त ने एक इंटरव्यू के दौरान खुलासा किया था कि, “मुझे हमेशा से लगता था कि पाकिस्तान के लोग बहुत ही नर्मदिल के और देखभाल करने वाले हैं। आप हैरान रह जाएंगे यह जानकर कि जब मैं पाकिस्तान में स्थित अपने गांव पहुंचा था तो पूरे गांववासियों ने मिलकर मेरा स्वागत किया था। पहले तो मुझे लगा कि वो लोग ऐसा इसलिए कर रहे हैं क्योंकि वो मुझे जानते हैं और मैं एक एक्टर हूं। लेकिन उन्हें वाकई में एहसास था कि मैं वहीं का रहने वाला हूं। वहां के युवाओं ने मुझे बड़े-बड़े बैनर दिए थे, जिस पर लिखा था ‘खुर्द में आपका स्वागत है सुनील दत्त। मेरे लिए वो पल सच में बहुत ही भावनात्मक थे। वो मुझे अपने साथ खेतों में भी ले गए और बोले, ‘ये तेरी जमीने हैं बल्ला।’ मैंने उनसे कहा कि नहीं ये केवल आपकी हैं। तो उनका जवाब था, ‘नहीं तुम यहां आ जाओ, तुम्हें दे देंगे।”
सुनील दत्त ने अपने जीवन में करीब 100 फिल्मों में अभिनय किया, 7 के निर्माता रहे और 6 को निर्देशित किया। सुनील दत्त 5 बार सांसद रहे। और 2004 में उन्हें खेल और युवा मामलों का मंत्री बनाया गयाअंतत: 25 मई 2005 को हर्ट अटैक से उनकी मृत्यु हो गई!