भाजपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य गुरुवार को बदायूं में तीन दिवसीय अंत्योदय मेला एवं प्रदर्शनी का उद्घाटन करने आए थे। यहां जब पत्रकारों ने उनसे एक पैसे या डेढ़ रुपए की कर्ज माफी पर सवाल किया तो वो भड़क गए। मौर्य ने इसे मीडिया की सोच बता दिया और प्रदेश सरकार का बचाव करते हुए कहा कि किसी किसान का भी डेढ़ रुपए या एक पैसे का कर्ज माफ नहीं किया गया है। जितना कर्जा था उतना ही माफ किया गया। उन्होंने कहा कि ये बात दीगर है कि कुछ किसानों ने अपना कर्ज चुका दिया था। जो 10 या 15 हजार रह गया। उसे योजना के तहत माफ कर दिया गया।
स्वामी प्रसाद मौर्य ने इस बयान से उन प्रमाण पत्रों पर भी सवाल उठने लगे हैं, जिन पर एक पैसे, 75 पैसे या डेढ़ रुपए की कर्ज माफी साफ साफ लिखी हुई है। ये प्रमाण पत्र उन किसानों को मिले हैं, जिन पर एक लाख से कम या ज्यादा का कर्ज था। मथुरा के किसान छिद्वीलाल और पीलीभीत के नन्हेलाल ऐसे किसानों की बानगी भर हैं। इन किसानों ने कर्ज माफी योजना से बहुत उम्मीदें लगा रखी थीं, लेकिन प्रमाण पत्र मिले तो सारी उम्मीदें टूट गई। वे समझ नहीं पा रहे हैं कि योगी सरकार ने किस आधार पर उनका कर्ज माफ किया है। वहीं भाजपा के नेता और मंत्री अपनी सरकार के बचाव में जुटे हैं।