जिले में नई तकनीक से की जा रही खेती किसानों को रास आने लगी है। खासकर पोली हाउस में पैदा कर रहे नए-नए उत्पाद से किसान अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं।
बूंदी•Apr 01, 2019 / 01:58 pm•
पंकज जोशी
बूंदी के भूमिपुत्रों का रिकॉर्ड देख देश के कई महानगर ताकने लगे इधर
बूंदी. जिले में नई तकनीक से की जा रही खेती किसानों को रास आने लगी है। खासकर पोली हाउस में पैदा कर रहे नए-नए उत्पाद से किसान अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं।किसानों के इस खेती की ओर बढ़ते रुझान को देखते हुए अब बूंदी जिले का कृषि महकमा भी काश्तकारों की मदद के लिए आगे आया है। उन्हें नई-नई तकनीक के बारे में बताया जा रहा है। प्राप्त जानकारी के अनुसार जिले में अब तक 30 हजार वर्गमीटर में पोली हाउस लग चुका है। जिसमें अधिकतर किसान खीरा पैदा कर रहे हैं। इस खीरे की खरीद के लिए अब अन्य शहरों से भी खरीदार बूंदी पहुंचने लगे हैं। कुछ किसान खुद ही पैकिंग कर देश के कई कौनों में भेज रहे हैं।
नमाना के निकट मालीपुरा गांव में पोली हाउस लगाकर खेती कर रहे शिवदत्त शर्मा ने बताया कि एक सीजन (6 माह) में 30 टन खीरा निकाले जाने का लक्ष्य कृषि विभाग ने निर्धारित कर रखा है। जिसके मुकाबले पोली हाउस से इस सीजन में 36 टन खीरा निकालकर बेच चुके हैं। शिवदत्त का दावा है कि उनके खेत से इस बार 40 टन खीरा निकलेगा, जो एक रिकॉर्ड होगा। उन्होंने बताया कि वह स्वयं पूरी निगरानी रखते हैं। समय-समय पर एक्सपर्ट की राय लेते रहते हैं। इसी से उन्हें इस खेती में बेहतर उत्पादन मिल रहा है। इसी प्रकार अलकोदिया गांव के किसान मेघराज लोधा की माने तो उसने चार हजार वर्गमीटर में पोली हाउस लगा रखा है। जिसमें वह 75 टन खीरा निकाल चुका है। यानी 16 लाख रुपए का खीरा उसे पोली हाउस से मिला है।
पोली हाउस लगाकर किसान अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं।इसमें अधिकतर खीरे की फसल कर रहे हैं। कम लागत में अधिक कमाई कर रहे हैं।
राजेश मीणा, कृषि अधिकारी, उद्यान विभाग, बूंदी