4 घंटे तक खुले मैदान में अपने पिता के शव को गांव पहुंचाने की एम्बुलेंस चालकों से गुहार लगाता रहा बेबस बेटा
बूंदी से देई जाने के किसी ने मांगे 7 तो किसी ने मांगे 5 हजार रुपये
बूंदी. अपनी आंखों में आंसू लेकर एक बेबस व लाचार बेटा बूंदी चिकित्सालय के बाहर खुले मैदान में अपने पिता की दिवंगत देह के साथ बुधवार रात 4 घंटे से अधिक समय तक एंबुलेंस चालकों व उपस्थित लोगों से गांव पहुंचाने की भीख मांगता रहा, लेकिन संवेदनाएं जैसे मर गयी हो। किसी एंबुलेंस चालक ने उससे 7 हजार रुपये मांगे तो किसी ने 5 हजार रुपये मांगे। वह अपने पिता के शव के साथ गिड़गिड़ाता रहा कि एक दिन पहले वह अपने बीमार पिता को गांव से 15 सौ रुपए में किराए के वाहन में बूंदी लाया था, अब 2 हजार ले लो लेकिन आपदा में अवसर देखने वाले लालची एंबुलेंस चालकों ने एक नहीं सुनी। दु:खी बेटा अपना फोन डिस्चार्ज होने से घर पर भी परिजनों को सूचना नहीं कर पाया। बूंदी चिकित्सालय के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती देई के पास डेलपुरा गांव निवासी नानका मीणा की बुधवार रात मृत्यु हुई तो उनके साथ आए बेटे लड्डू मीणा पर भी जैसे दु:खों का पहाड़ टूट पड़ा।
बेटे की बेबसी की सूचना पर कांग्रेस नेता चर्मेश शर्मा व सामाजिक कार्यकर्ता मनीष मीणा रात को ही चिकित्सालय पहुंचे और बेबस बेटे की पीड़ा सुनकर उन्होंने कोविड-19 जिला कलक्ट्रेट कंट्रोल रूम जाकर दिवंगत देह को गांव भेजने की व्यवस्था का आग्रह किया। जिला कलक्ट्रेट कंट्रोल रूम वालों ने एक बार तो हां कर ली, वहां से सीएमएचओ कंट्रोल रूम और नगर परिषद के कंट्रोल रूम को निर्देश भी दिए लेकिन कोई परिणाम नहीं निकला। वापस चिकित्सालय आकर कांग्रेस नेता शर्मा ने एंबुलेंस चालक से ढाई हजार रुपये में छोडऩे को कहा और उपस्थित रात्रि ड्यूटी डॉक्टर डॉ. रघुवीर मीणा ने भी मानवता की दुहाई दी तो चालक ने एक बार हां करली लेकिन अगले ही क्षण वह नजर चुराकर चिकित्सालय से एंबुलेंस लेकर ही भाग गया। वहां उपस्थित लोगों ने भी कुछ एंबुलेंस चालकों को फोन किया लेकिन मनमाने पैसे नहीं मिलने की आशंका में कोई तैयार नहीं हुआ। बाद में रात 1 बजे निजी वाहन की व्यवस्था कर उसे गांव भेजा।
जवान बेटे के शव के साथ परेशान हुए पिता
इधर, एक बेटा अपने पिता के शव के साथ खुले मैदान में रो रहा था। उधर कोविड वार्ड में जयपुर निवासी राजस्थान पुलिस के सेवानिवृत्त सब इंस्पेक्टर के 33 वर्षीय बेटे की मृत्यु हो गयी। अपने बेटे के शव को जयपुर लेकर जाने के लिए वाहन की व्यवस्था के लिये मदद के लिए उन्होंने कलक्ट्रेट व नगर परिषद कंट्रोल रूम में भी सूचना दी, लेकिन कुछ नहीं हुआ। बेबस पिता रात को 2 बजे मदद के लिये पार्षद टीकम जैन के पास पहुंचे। फिर एंबुलेंस चालक आदिल के सहयोग से बिजोलिया से एंबुलेंस मंगवाई और तडक़े 4 बजे शव को जयपुर के लिए रवाना किया।