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बूंदी

मंदिरों के गुंबदों व ऊपरी सतह पर श्रमदान कर की सफाई

हिण्डोली कस्बे के त्रिवेणी धाम स्थित लक्ष्मीनाथ मंदिर के गुंबज व ऊपरी भाग पर कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर युवकों ने श्रमदान कर जंगल सफाई की।

बूंदीAug 13, 2020 / 07:03 pm

पंकज जोशी

मंदिरों के गुंबदों व ऊपरी सतह पर श्रमदान कर की सफाई

मंदिरों के गुंबदों व ऊपरी सतह पर श्रमदान कर की सफाई

मंदिरों के गुंबदों व ऊपरी सतह पर श्रमदान कर की सफाई
आधा दर्जन युवकों ने दिखाया साहस
हिण्डोली. हिण्डोली कस्बे के त्रिवेणी धाम स्थित लक्ष्मीनाथ मंदिर के गुंबज व ऊपरी भाग पर कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर युवकों ने श्रमदान कर जंगल सफाई की। जानकारी के अनुसार बरसों से त्रिवेणी धाम स्थित चारभुजा लक्ष्मीनाथ एवं श्रीजी के मंदिर में बड़े-बड़े बबूल व अन्य झाड़ झंकार गुंबद व मंदिरों के ऊपरी भाग पर उगे हुए थे। जन्माष्टमी पर युवा तुलसीराम राठौर, मुकेश सैनी ,चिराग नकलक अशोक जोशी, मनोज पाराशर, मुकेश गौतम सहित अन्य ने रस्सी के सहारे मंदिर पर चढकऱ बबूल अन्य पेड़ व कचरा साफ किया। चिराग नकलक व राकेश शर्मा ने तीनों मंदिरों के रखरखाव के राज्य सरकार से मांग की है।

 

बायीं मुख्य नहर में जल प्रवाह घटाया, दाईं में बढ़ाया
कोटा. हाड़ौती में पिछले दो-तीन दिन से बारिश हो रही है, लेकिन अभी भी फसलों के लिए पानी की जरूरत बनी हुई है। इस कारण सीएडी प्रशासन की ओर से चम्बल की दोनों नहरों में जल प्रवाह जारी रखा गया है।
सीएडी प्रशासन ने बारिश के बाद बुधवार को पानी मांग की समीक्षा की, इसमें पाया कि बूंदी जिले के कुछ क्षेत्र में अच्छी बारिश होने से पानी की मांग कम हो गई है। इसके चलते बायीं मुख्य नहर में 1300 क्यूसेक जल प्रवाह से घटाकर एक हजार क्यूसेक जल प्रवाह कर दिया गया है। इस नहर की कुल जल प्रवाह क्षमता 1500 क्यूसेक है। दायीं मुख्य नहर में दो दिन पहले तीन हजार क्यूसेक पानी चल रहा था, जिसे बढ़ाकर 3450 क्यूसेक कर दिया गया है। सीएडी प्रशासन का कहना है कि एक-दो दिन बाद पानी की स्थिति की फिर से समीक्षा की जाएगी, इसके बाद आगे के बारे में फैसला किया जाएगा। बारिश के बाद चम्बल के बांधों में पानी की आवक नगण्य है। इस कारण जल संसाधन विभाग के अधिकारी अब पानी को लेकर चिंतित हैं। हालांकि पिछले साल सितम्बर में सर्वाधिक पानी की निकासी की गई थी। इसलिए अब भी अच्छी बारिश की उम्मीद है। राणाप्रताप सागर बांध के अधीक्षण अभियंता एजाजुद्दीन अंसारी का कहना है कि चारों बांधों में पानी की आवक पर नजर बनाए हुए हैं।

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