एजेंसी संचालक निमित मेहता के धोखाधड़ी करने से छात्रा का भविष्य खराब हो गया है। इसके बाद 21 जून को लड़की के पिता ने आरोपी निमित मेहता के खिलाफ कोतवाली थाने में शिकायत दर्ज करवाई। पुलिस ने मामले की जांच करके राजस्थान की राजधानी जयपुर से एजेंसी के संचालक निमित मेहता को गिरफ्तार कर बुरहानपुर लेकर पहुंची। मेडिकल कराने के बाद उसे कोर्ट में पेश किया गया और जेल भेज दिया है। वहीं बुरहानपुर पुलिस ने कोर्ट से आरोपी की रिमांड मांगी है।
कोतवाली पुलिस के अनुसार आरोपी निमित मेहता पर जयपुर में भी चेक बाउंस के धारा 138 में मामले दर्ज हैं। आरोपी कई लोगों के साथ धोखाधड़ी कर चुका है। एडमिशन प्रवेश शुल्क और पहले साल की फीस विदेशी यूनिवर्सिटी में जमा करने के नाम पर लेने के बाद आरोपी अपने शौक पूरा करता था। फरियादी के राशि वापस मांगने पर भी आरोपी पैसा वापस नहीं करता। जयपुर के स्थानीय थानों में भी आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज है।
छात्रा इंदौर की चोईथराम इंटरनेशनल स्कूल की 12वीं कक्षा में पढ़ती थी। स्कूल के प्रचार्य दिलीप वसू ने आगे की पढ़ाई विदेश में कराने के लिए उसकी मुलाकात आरोपी निमित मेहता से कराई। आरोपी ने छात्रा के सभी दस्तावेज ई-मेल से मंगवाकर ब्रिटिश वीजा, प्रवेश के लिए खाते में 16 लाख रुपये ट्रांसफर करवा लिए। उसके बाद एडमिशन हो गया।
एडमिशन के बाद 2017 में लड़की लंदन की किंग्सटन यूनिवर्सिटी में पढ़ाई के लिए पहुंची। पढ़ाई के दौरान प्रवेश शुल्क मिलने के बाद पहले साल की फीस 35 लाख रुपये जमा करनी थी। फरियादी ने आरोपी निमित मेहता को ऑनलाइन फीस जमा करने के लिए राशि दी। आरोपी ने धोखाधड़ी कर रुपये यूनिवर्सिटी के खाते में जमा नहीं कराए। इससे छात्रा का एडमिशन निरस्त कर वापस उसे भारत भेज दिया गया।
कोतवाली पुलिस ने इंदौर चोईथराम इंटरनेशनल स्कूल के प्राचार्य दिलीप वसू को भी आरोपी बनाया। फरियादी के अनुसार प्रचार्य भी इस मामले में शामिल होना बताया गया। 35 लाख के अलावा लंदन में रहकर खाने पीने के खर्च के लिए भी लाखों रुपये जमा कराए। मामले की शिकायत के बाद कोतवाली पुलिस ने आरोपी निमित मेहता को जयपुर से गिरफ्तार कर बुरहानपुर लेकर पहुंची। जिला न्यायालय में पेश कर आरोपी का रिमांड मांगकर पुलिस पूछताछ कर रही है।