हकीमुद्दीन साहब के उर्स मौके पर शनिवार शाम को मगरीब की नमाज के बाद वाअज फरमाया, जो दुनिया भर में उनके अनुयायियों ने सुना। उन्होंने सभी बुरहानपुरवासियों की तरक्की के लिए दुआ की। उन्होंने कहा माल, व्यापार, सेहत और तामिल में बदरकत हो। देश की तरक्की के लिए भी दुआएं की। हकीमुद्दीन मौला साहब के जीवन पर प्रकाश डाला। सैयदना ताहीर सैफुद्दीन साहब के बारे में जिक्र किया। बच्चों की तरबीयत के बारे में बताया। कहा कि जिस देश में रहो उसके प्रति वफादार रहो, अड़ोसी पड़ोसियों से मिलकर रहो, आपस में प्रेम बांटों। स्वच्छता बनाए रखो, गंदगी मत करो। गंदगी से दस किस्म की बीमारियां होती है। साथ ही किसी भी तरह के नशे से दूर रहने के लिए कहा। मगरीब की नमाज के बाद से 10 बजे तक उनकी वाअज चली। दरगाह ए हकीमी में अनुयायियों को वाअज सुनने में परेशानी न हो इसके लिए 15 एलसीडी जगह-जगह लगाई गई। शनिवार को सुबह बुरहानपुर के 700 से अधिक बोहरा समाज के लोगों ने मौला साहब का आशीर्वाद लिया।
मौला-मौला गूंजता रहा
पंजाब मेल से मौला साहब मुंबई के लिए रवाना हुए। ट्रेन दो घंटे लेट होने से करीब 12.30 बजे पहुंची। जाते-जाते अनुयायी मौला-मौला कहकर उनके दीदार करते रहे। दूसरे दिन भी हुए निकाह
मौला साहब के पाक हाथों से दूसरे दिन भी कई निकाह यहां हुए। इसके साथ बच्चों के मिशाक लिए गए। मौला साहब के दीदार के लिए दुनियाभर से जायरीन यहां पहुंचे। दो दिन तक शहर में मौला साहब यहां रहे। शहर की सभी होटल बोहरा समाज के लोगों से बुक रही।