script6 करोड़ लोगों को 4 मार्च को लग सकता है तगड़ा झटका, जानिए क्यों? | EPFO Likely to Cut Interest Rates in FY21, Final Decision on March 4 | Patrika News

6 करोड़ लोगों को 4 मार्च को लग सकता है तगड़ा झटका, जानिए क्यों?

locationनई दिल्लीPublished: Feb 16, 2021 08:41:51 pm

-सैलरीड क्लास को 4 मार्च को लग सकता है एक और जोर का झटका।-वित्त वर्ष 20-21 में एम्पलॉयज प्रॉविडेंट फंड के ब्याज दर में फिर हो सकती है कटौती।-2020 में भी केवाईसी में गड़बड़ी के चलते करोड़ों लोगों को नहीं मिला था ब्याज।

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नई दिल्ली। सैलरी क्लास वाले लोगों को एक फरवरी में को पेश किए गए बजट से काफी उम्मीदें थी, लेकिन उनके हाथ कुछ नहीं आया। अब 4 मार्च को एक बार फिर सैलरी क्लास को तगड़ा झटका लग सकता है। दरअसल, वित्त वर्ष 20-21 में एम्पलॉयज प्रॉविडेंट फंड (Employees’ Provident Fund-EPF) के ब्याज दर में एक बार फिर कमी होने वाली है। अगर ऐसा होता है तो करोड़ा सैलरीड क्लास के लिए एक बहुत बड़ा झटका होगा। अब तक ईपीएफ सब्सक्राइब जो पिछले साल तक ब्याज नहीं मिलने को लेकर परेशान थे, अब उन पर दोहरी मार पड़ने वाली है।

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ब्याज दर में होगी कटौती
रिपोर्ट्स के मुताबिक, कोरोना काल में लोगों ने बड़ी संख्या में ईपीएफ की निकासी की है, इस दौरान अंशदान में भी कमी आई है। जिसके चलते Employees Provident Fund Organisation (EPFO) दरों में कटौती का फैसला कर सकता है। नई दरों पर फैसला करने के लिए 4 मार्च को EPFO सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज (CBT) की बैठक होगी। ऐसे माहौल में दरों में कटौती तय मानी जा रही है।

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4 मार्च होगा फैसला
वित्त वर्ष 2020 में EPFO की कमाई पर बुरा असर पड़ा है। क्या ब्याज दर में कटौती होगी या नहीं इसका बात पर फैसला आगामी 4 मार्च को होना है।

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EPF पर 7 साल में सबसे कम ब्याज मिला
बात करें वित्त वर्ष 2020 को तो इस साल ईपीएफ पर 8.5 परसेंट ब्याज मिला, जो कि पिछले 7 सालों में सबसे कम है। इसके पहले वित्त वर्ष 2013 में ईपीएफ पर ब्याज दरें 8.5 परसेंट थीं। पिछले साल मार्च में EPFO ने ब्याज रिवाइज किया था। इसके पहले वित्त वर्ष 2019 में ईपीएफ पर 8.65 परसेंट ब्याज मिलता था। EPFO ने वित्त वर्ष 2018 में 8.55 परसेंट ब्याज दिया था, जो कि इसके पहले वित्त वर्ष 2016 में ये 8.8 परसेंट था। इसके पहले वित्त वर्ष 2014 में ये 8.75 परसेंट था।

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सबसे मनहूस साल रहा 2020
बता दें कि वर्ष 2020 में ईपीएफ के 6 करोड़ सब्सक्राइबर्स हैं। वित्त वर्ष 2020 में भी इन करोड़ों लोगों को KYC में हुई गड़बड़ी की वजह से ब्याज मिलने में देरी हुई थी। उसके बाद अब अगर ब्याज दरों में कटौती होती है तो ये बहुत बड़ा झटका होगा।

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