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कोरोना काल में फाइनेंशियल प्लानिंग है जरूरी, जानिए निवेश के पांच बेहतर सुरक्षित विकल्प

निवेश की ऐसी रणनीति बनानी चाहिए ताकि किसी भी छोटे बड़े काम के लिए दोस्तों-रिश्तेदारों से उधार या बैंक से लोन की आवश्यकता न पड़े।

Jul 18, 2021 / 07:03 pm

Mohit Saxena

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नई दिल्ली। कोरोना महामारी (Coronavirus) के कारण यह समय सबके लिए पहले से अधिक कठिन हो चुका है। लोगों की आर्थिक स्थिति पर असर पड़ा है। हालांकि कई सारे लोगों को बेहतर फाइनेंशियल प्लानिंग के कारण कम नुकसान हुआ है। वहीं, तमाम लोग ऐसे हैं जिन्हें फाइनेंशियल प्लानिंग (financial planing) न होने के कारण नुकसान उठाना पड़ा। कोरोना काल से लोगों को सबक मिला है कि अच्छी फाइनेंशियल प्लानिंग जीवन के लिए बेहद जरूरी है।

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सबसे पहले जीवन की आकस्मिक जरूरतों के लिए इमरजेंसी फंड सबसे अहम है। इसके बाद निवेश का नंबर आता है। निवेश की रणनीति ऐसी बनानी चाहिए कि ताकि किसी भी छोटे बड़े काम के लिए दोस्तों-रिश्तेदारों से उधार या बैंक से लोन की आवश्यकता न पड़े। इसके लिए सबसे बेहतर पांच विकल्प ये हो सकते हैं।

पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (पीपीएफ)

पब्लिक प्रॉविडेंट फंड रिटायरमेंट जैसे लंबे समय के लक्ष्य के लिए काफी बेहतर है। निवेश की अवधि 15 वर्ष होने से इसमें टैक्स फ्री ब्याज की कम्पाउंडिंग का जोरदार असर देखा जाता है। फिलहाल इस पर 7.1 फीसदी ब्याज मिलता है। इसकी रकम हर साल मूल पूंजी में जोड़कर ( कम्पाउंडिंग) दी जाती है। यह पूरी तरह सुरक्षित निवेश माना गया है। इसका कारण है कि ब्याज और मूलधन की गारंटी सरकार देती है। इसमें वार्षिक अधिकतम 1.5 लाख रुपए निवेश किया जा सकता है।

2- एमएफ एसआईपी

इक्विटी भी लंबे समय तक निवेश के लिए आदर्श मानी जाती है। आम निवेशकों के लिए इस बाजार में कदम रखने का सबसे आसान तरीका म्यूचुअल फंड है। इसमें एसआईपी ( सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान) निवेशकों को हर माह एक तय रकम इक्विटी में लगाने की सुविधा मिलती है। आपको 3-5 ऐसी स्कीम में एसआईपी शुरू करनी चाहिए, जिसका प्रदर्शन लगातार बेहतर रहा हो। बेहतर होगा कि लॉर्ज कैपफंड् को चुनें। कुछ निवेश मिड-कैप स्कीम में बेहतर हो सकता है।

3- नेशनल पेंशन स्कीम

नेशनल पेंशन स्कीम (एनपीएस) खास तौर पर रिटायरमेंट के लिए डिजाइन करा गया है। ये लंबी अवधि का इन्वेस्टमेंट प्रोडक्ट है। इसकी देखरेख पेंशन फंड नियामक पीएफआरडीए करता है। एनपीएस टियर-1 अकाउंट को सक्रिय करने के लिए सालाना न्यूनतम योगदान 6 हजार रुपए से घटाकर मात्र एक हजार रुपए कर दिया गया है। रिटायर होने के बाद आप पूरी पूंजी में से 60 फीसदी का हिस्सा एकबार में टैक्स फ्री ले सकते हैं। वहीं 40 प्रतिशत फंड से आजीवन पेंशन ले सकते हैं।

4- हेल्थ इंश्योरेंस कवर

बीमारियों में इलाज काफी महंगा हो चुका हैं। कोरोना के दौर में देखा गया है कि लोगोें ने इलाज के दौरान जीवन भर की जमा पूंजी अस्पताल के खर्च में लगा दी। ये खर्च हजारों में नहीं लाखों में बैठता है। ऐसे में बेहरत हेल्थ इंश्योरेंस कवरेज बहुत जरूरी है। मेडिकल इंश्योरेंस कवरेज ( 8-15 लाख रुपए) हो तो आप इलाज के खर्च से राहत पा सकते हैं।

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5 – पर्याप्त लाइफ इंश्योरेंस कवरेज –

लाइफ इंश्योरेंस का कवर लेना जरूरी है। इसलिए यदि आपने अब तक जीवन बीमा नहीं कराया है तो सबसे पहले इसे जरूर लें। अब सवाल है कि परिवार की फाइनेंशियल सुरक्षा के लिए कितने तक की लाइफ इंश्योरेंस लेनी चाहिए। लोगों को बेहतर प्लान के साथ तुलना कर किसी इंश्योरेंस को चुना चाहिए।

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